ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच ने FIR की इन्वेस्टिगेशन के बाद केस डायरी में तथ्यों को शामिल नहीं करने के मामले में SSP अमित सांघी को जमकर फटकार लगाई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कोर्ट को बताया कि आरोपी इंस्पेक्टर को लाइन अटैच कर दिया गया है जबकि इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर को सस्पेंड कर दिया है।
दिनांक 4 अक्टूबर 2021 को डीडी मॉल के बाहर आइसक्रीम विक्रेता के साथ मारपीट के मामले में आरोपी एडवोकेट योगेश पाल ने हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी। अपनी याचिका के साथ उन्होंने सीसीटीवी फुटेज भी प्रस्तुत की है। एडवोकेट योगेश पाल ने हाईकोर्ट को बताया कि घटना के समय वह घटनास्थल पर मौजूद थे परंतु मारपीट नहीं कर रहे थे बल्कि मारपीट करने वाले आनंद जादौन को ऐसा करने से रोक रहे थे।
सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुए वीडियो में एडवोकेट योगेश पाल के दावे की पुष्टि हो गई। इसी बात पर न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया नाराज हो गए, क्योंकि इस प्रकरण के मुख्य आरोपी आनंद जादौन को पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध ना होने के कारण 21 जनवरी को जमानत का लाभ मिल गया था। न्यायमूर्ति ने अभियोजन के वकीलों को बुलाकर पूछा कि जब पूरी घटना का वीडियो सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुआ और पुलिस ने उसे जब किया था तो फिर केस डायरी में संलग्न क्यों नहीं किया गया। हाई कोर्ट ने इस मामले में SSP को हाजिर होने के आदेश दिए थे।
एसएसपी अमित सांघी ने बताया कि इंदरगंज थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर आसिफ मिर्जा बेग को लाइन हाजिर कर दिया गया है जबकि इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर एवं सब इंस्पेक्टर अवधेश सिंह कुशवाहा को सस्पेंड कर दिया गया है। दोनों पुलिस अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने लूट एवं मारपीट के आरोपी को जमानत का लाभ दिलवाने के लिए केस डायरी में जानबूझकर सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग अटैच नहीं की थी। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.