ग्वालियर। ग्वालियर वालों के साथ रेलवे बेईमानी कर रहा है। ग्वालियर के लोग दिल्ली और भोपाल जाने के लिए शताब्दी एक्सप्रेस का उपयोग करना पसंद करते हैं, इसी बात का फायदा उठाकर रेलवे यात्रियों से ज्यादा किराया वसूल कर रहा है। सरल शब्दों में दलील यह है कि देश भर में चलने वाली सभी शताब्दी ट्रेनों का किराया प्रति किलोमीटर के हिसाब से समान होना चाहिए। जबकि नई दिल्ली- रानी कमलावती के बीच चलने वाली शताब्दी का किराया सबसे ज्यादा है।
दिल्ली-भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस पूरे भारत में सबसे महंगी
ग्वालियर के प्रतिष्ठित पत्रकार प्रियंक शर्मा की एक रिपोर्ट के अनुसार शताब्दी एक्सप्रेस में ग्वालियर से भोपाल तक का किराया चेयर कार में 1100 और एक्जीक्यूटिव क्लास में 1600 रुपये से अधिक वसूल किया जा रहा है। इसमें फ्लाइट्स की तर्ज पर लगने वाला डायनमिक चार्ज भी शामिल है। डायनमिक और कैटरिंग चार्ज यदि हटा दिया जाए तो भी भोपाल शताब्दी की तुलना में अमृतसर शताब्दी, अजमेर शताब्दी, लखनऊ शताब्दी, देहरादून शताब्दी सहित 10 से अधिक इस श्रेणी की ट्रेनों में प्रति किलोमीटर कम किराया लिया जा रहा है।
भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस के किराए का गणित इस प्रकार समझिए
भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस में आगामी 28 फरवरी को ग्वालियर से भोपाल तक का किराया चेयर कार में 845 और एक्जीक्यूटिव क्लास में 1645 रुपये है। इसमें 185 और 245 रुपये कैटरिंग चार्ज शामिल है। इसे हटा दें तो चेयर कार में 660 रुपये और एक्जीक्यूटिव क्लास में 1400 रुपये का किराया लगता है। ग्वालियर से भोपाल की दूरी 394 किमी है। प्रति किलोमीटर के हिसाब से चेयर कार का 1.67 रुपये व एक्जीक्यूटिव क्लास का किराया 3.55 रुपये होता है। इसी हिसाब से अन्य शताब्दी एक्सप्रेस की तुलना कुछ इस प्रकार है-
ट्रेन दूरी किराया प्रति किमी किराया
नई दिल्ली-अमृतसर शताब्दी 448 किमी 725 व 1540 रु 1.61 व 3.43 रु
नई दिल्ली-अजमेर शताब्दी 443 720 व 1540 1.62 व 3.47
नई दिल्ली-लखनऊ शताब्दी 511 825 व 1770 1.61 व 3.46
गांधीनगर-मुंबई सेंट्रल शताब्दी 520 837 व 1770 1.60 व 3.40
न्यू जलपाई गुड़ी-हावड़ा शताब्दी 561 875 व 1875 1.55 व 3.34
नई दिल्ली-देहरादून शताब्दी 315 519 व 1100 1.64 व 3.49
नोट: किराया क्रमश: चेयर कार व एक्जीक्यूटिव क्लास
स्वर्गीय माधवराव सिंधिया ने शुरू करवाई थी शताब्दी एक्सप्रेस
भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस के पास अपनी श्रेणी की पहली ट्रेन होने का खिताब भी है। देश के पहले प्रधानमंत्री स्व. पं. जवाहरलाल नेहरू की जन्मशताब्दी वर्षगांठ को मनाने के लिए 10 जुलाई 1988 को तत्कालीन रेल मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया ने इस ट्रेन की शुरुआत कराई थी। इसी कारण इस श्रेणी की तेज रफ्तार ट्रेनों का नाम शताब्दी रखा गया। उस समय यह ट्रेन नई दिल्ली से ग्वालियर के बीच संचालित की गई थी। बाद में इसे झांसी और फिर भोपाल व रानी कमलापति स्टेशन तक के लिए बढ़ा दिया गया। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.