यदि आप एक शिक्षक है, यूट्यूब चैनल का संचालन करते हैं, टीम लीडर हैं या फिर संगीत में रुचि रखते हैं, अथवा ऐसा कोई भी काम करते हैं जिसमें आपकी आवाज का महत्व हो, तो आपको अपने खानपान में कुछ बदलाव करने होंगे। अन्यथा आपका जबरदस्त टैलेंट, आपकी घटिया आवाज के कारण बर्बाद हो जाएगा।
आप सभी जानते हैं कि मसालेदार भोजन, अत्यधिक गर्म चाय अथवा कॉफी, सिगरेट और बहुत सारी चीजें आपके गले के लिए हानिकारक होती हैं। इससे आपकी आवाज फट जाती है। गले में खराश होने लगती है और यदि एक बार गला खराब हो गया तो फिर सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद भी हालत अनु मलिक जैसी बनी रहती है। गला और आवाज, दो ऐसी चीजें हैं जिन्हें खराब होने के बाद सुधारना मुश्किल है लेकिन खराब होने से बचाना संभव है।
यदि गले में कब बनता है तो आयुर्वेद के अनुसार अदरक/सोंठ, शहद, रूसाह/वासा, कालीमिर्च, चित्रक, हरीतकी, सीतोपलादी, लक्ष्मीविलास, सुतशेखर, महाद्राक्षासव, कनकासव, आदि औषधियां और अनुपान (योग) उत्तम माने जाते हैं। यदि, अत्यधिक कफ नहीं बनता तब भी, अपने गले को ठीक बनाए रखना जरूरी होता है।
दुनिया के सबसे प्राचीन चिकित्सा ग्रंथ आयुर्वेद के अनुसार स्वर या वाणी विकारों को दूर कर आवाज़ को मधुर बनाने के लिए अनेक औषधियों और औषधीय योगों का वर्णन किया गया है, जैसे - मिश्री, मधु, घी, गुनगुना पानी, मुलेठी/यष्टिमधु, ब्राह्मी, अपराजिता/कोयल, मंजिष्ठा, मदानंदमोदक, त्रिफला, अमृतभल्लातक, सारस्वतरिष्ट, आदि। आपको इनमें से कुछ औषधियों का नियमित रूप से सेवन करना है। मिश्री, मधु, घी, गुनगुना पानी, मुलेठी/यष्टिमधु सभी के लिए फायदेमंद होते हैं। शेष औषधि के लिए आयुर्वेद के विशेषज्ञ एक मुलाकात तो बनती है। स्वास्थ्य से संबंधित समाचार एवं जानकारियों के लिए कृपया Health Update पर क्लिक करें