जबलपुर। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सत्येंद्र सिंह पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ₹5000 का जुर्माना लगाया है। सत्येंद्र सिंह IAS उस समय शहडोल के कलेक्टर थे और हाईकोर्ट के आदेश के पालन में 2 महीने का विलंब हो गया था। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू की एकलपीठ ने कहा कि लापरवाही के कारण याचिकाकर्ता को अवमानना याचिका के जरिए दोबारा हाई कोर्ट आना पड़ा। लिहाजा, वह हर्जाना पाने का हकदार है।
हाई कोर्ट ने कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वे याचिकाकर्ता के बैंक अकाउंट में पांच हजार रुपये डिजिटल रूप से ट्रांसफर करें। ऐसा नहीं करने पर संज्ञान लिया जाएगा। शहडोल में पदस्थ अतिरिक्त लोक अभियोजक सुरेश गोस्वामी ने 2020 में याचिका दायर कर कलेक्टर के आदेश पर लोक अभियोजकों के कार्य वितरण में गड़बड़ी की बात कही थी। हाईकोर्ट ने 31 अगस्त 2020 को कलेक्टर को आदेश दिया था कि याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पेश करने के 30 दिन के भीतर उस पर विचार कर अंतिम निर्णय लें।
याचिकाकर्ता ने 11 सितंबर, 2020 को अभ्यावेदन पेश किया। आदेश का पालन नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर की गई। जब इस मामले में नोटिस जारी किया गया तो अनावेदक की ओर से बताया गया कि 28 दिसंबर, 2020 को अभ्यावेदन का निराकरण कर दिया गया है। जवाब का अवलोकन करने पर कोर्ट ने पाया कि पूर्व आदेश के पालन में दो माह से भी अधिक समय की देरी की गई, जिसका कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया गया। हाई कोर्ट ने कलेक्टर को अवमानना की कार्रवाई से बरी तो कर दिया, लेकिन देरी के लिए पांच हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। जबलपुर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया JABALPUR NEWS पर क्लिक करें.