इंदौर। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर का मुगलों से कोई रिश्ता नहीं है। इस शहर का नामकरण किसी हमलावर ने नहीं किया लेकिन फिर भी भारतीय जनता पार्टी के विधायक रमेश मेंदोला चाहते हैं कि इंदौर शहर का नाम बदल दिया जाए। उन्होंने इसका प्रस्ताव रख दिया है। रमेश मैंदोला को इंदौर में दादा दयालु कहते हैं। कैलाश विजयवर्गीय के अनुसार जो काम सरकार नहीं कर सकती, वो दादा दयालु कर देते हैं।
इंदौर शहर का नाम बदलकर अहिल्या नगर रखा जाए: विधायक रमेश मेंदोला
भाजपा विधायक रमेश मेंदोला ने बताया कि इंदौर को पुण्यश्लोका देवी अहिल्या बाई के नाम से जाना जाता है। गौरव दिवस मनाने के लिए हुई परिचर्चा में मैंने इंदौर का नाम अहिल्या नगर करने का सुझाव दिया ताकि उनके सुशासन का संदेश पूरे विश्व में पहुंचे और जिस दिन शहर को ये नया नाम मिले उसे ही स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाए।
इंदौर का नाम इंदौर कैसे पड़ा
उज्जैन से ओंकारेश्वर की ओर जाने वाले नर्मदा नदी घाटी मार्ग पर एक व्यापार बाजार के रूप में स्थापित किया गया था। वहीं इंद्रेश्वर मंदिर (सन 1741) का निर्माण किया गया। लाखों लोगों की आस्था केंद्र इंद्रेश्वर मंदिर के कारण इस शहर का नाम पहले पहले इंदूर और बाद में इन्दौर नाम प्राप्त हुआ। बाजीराव पेशवा से लेकर ब्रिटिश सेंट्रल इंडिया एजेंसी तक किसी ने इस शहर का नाम नहीं बदला। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.