इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र एवं विधायक आकाश विजयवर्गीय बल्ला कांड के फरियादी एवं नगर निगम के जोनल ऑफिसर धीरेंद्र बायस का कहना है कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह ओरिजिनल नहीं है। इससे पहले कोर्ट में बयान दर्ज कराते समय उन्होंने कहा था कि, उन्होंने आकाश विजयवर्गीय को मारते हुए नहीं देखा।
कोर्ट के बाहर मीडिया ट्रायल के दौरान नगर निगम के जोनल ऑफिसर धीरेंद्र बायस ने कहा कि मैंने पुलिस इन्वेस्टिगेशन के दौरान जो बयान दिया था वही बयान कोर्ट में दिया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है वह ओरिजिनल नहीं है। आश्चर्यजनक बात यह है कि ना तो इंदौर पुलिस ने वायरल वीडियो की सत्यता को प्रमाणित करने के लिए कोई लैब टेस्ट कराया और ना ही फरियादी की तरफ से कोर्ट में ऐसी कोई अपील की गई।
फरियादी धीरेंद्र बायस ने कहा कि, मैंने कोर्ट में दिए बयान में यह कहा है कि मैंने आकाश विजयवर्गीय को मारते हुए नहीं देखा लेकिन यह भी कहा कि चोट लगने के बाद जब मैंने मुड़कर देखा तो सबसे पहले आकाश विजयवर्गीय खड़े हुए थे। उनके पीछे और भी कई लोग थे जो हाथों में डंडे लिए हुए थे।
नामजद मुकदमा दर्ज हुआ है, विधायक जेल में रहे थे
उल्लेख करना प्रासंगिक है कि इस घटना में फरियादी अधिकारी द्वारा नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था। एमजी रोड पुलिस थाने में दर्ज FIR में नगर निगम अधिकारी ने विधायक आकाश विजयवर्गीय और उनके समर्थकों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। आश्चर्यजनक बात आएगी वायरल वीडियो के आधार पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार में गृहमंत्री बाला बच्चन ने आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। विधायक को जेल भेज दिया गया था लेकिन इसके बावजूद तत्कालीन कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री ने पुलिस इन्वेस्टिगेशन में वायरल वीडियो को प्रमाण के तौर पर शामिल नहीं करवाया। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.