ग्वालियर। मध्यप्रदेश में व्यापमं घोटाले के बाद से डॉक्टरों की लापरवाही के नित नए रिकॉर्ड बनते जा रहे हैं। जयारोग्य चिकित्सालय ग्वालियर में डॉक्टर ने एक जिंदा महिला को मृत घोषित करके पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वह तो अच्छा हुआ कि डेड हाउस में फ्रीजर में बॉडी रखने से पहले महिला के पति ने उसे अंतिम बार छू कर देखा, धड़कन चल रही थी, महिला जिंदा थी।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित शासकीय जयारोग्य चिकित्सालय एक जमाने में अनुभवी डॉक्टरों के कारण केवल ग्वालियर-चंबल संभाग की नहीं बल्कि राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में आज भी प्रसिद्ध है। अच्छे डॉक्टर की तलाश में ही उत्तर प्रदेश के महोबा से नरपत सिंह अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए ग्वालियर आए थे। महिला को ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया। 24 घंटे बाद शुक्रवार 4:30 बजे डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित करके पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बॉडी को डेड हाउस ले जाया गया। यहां फ्रीजर में रखने से पहले जब शोक में डूबे हुए नरपत सिंह ने अपनी पत्नी को हाथ लगाया तो वह चौक उठा। शरीर में हलचल हो रही थी। महिला जिंदा थी। पूरे परिवार ने हंगामा मचाया तो महिला को डेड हाउस से वापस लाकर फिर से भर्ती कर लिया गया। इस दौरान अस्पताल में सनसनी दौड़ गई। डॉक्टरों के खिलाफ माहौल बनने लगा। पता नहीं क्या हुआ, 18 घंटे बाद महिला मरीज की सच में मृत्यु हो गई। समाचार लिखे जाने तक जिंदा महिला को मृत घोषित करके पोस्टमार्टम के लिए भेजने वाले डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.