पिछले लेख में हमने आपको बताया था कि साक्ष्य दो प्रकार के होते हैं एक मौखिक एवं दूसरा दस्तावेजी साक्ष्य। अब सबाल यह है कि कोई टेप रिकॉर्ड या वीडियो रिकॉर्डिंग न्यायालय में किस प्रकार के साक्ष्य के रूप में ग्राह्य किया जाएगा जानते हैं इसका जबाब आज हम।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के अध्याय 05 में परिभाषित नियम के अनुसार:-
टेप रिकॉर्डिंग किये हुए सभी प्रकार के कथन मौखिक साक्ष्य भी है एवं दस्तावेजी भी। यदि कथन चोरी से रिकॉर्ड किया गया हो तो वह केवल मौखिक साक्ष्य होगा, यदि कथन किसी कथनकर्ता के अशाय एवं उसकी जानकारी में किया गया हो तो यह साक्ष्य मौखिक एवं दस्तावेजी दोनो प्रकार से साबित किया जा सकता है।
लेकिन अगर कोई टेप रिकॉर्ड चोरी से बनाया गया है तब साक्षी की प्रत्यक्ष उपस्थित के बाद भी मान्य होगा।
विशेष नोट:- पत्नी का टेप रिकार्ड अगर पति द्वारा किया जाता है किसी वाद में बचने के लिए वह साक्ष्य के रूप में नहीं लिया जाएगा। क्योंकि यह स्त्री की निजता एवं गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन होगा। न ही पत्नी को आवाज के परीक्षण के लिए उसे विवश किया जाएगा.【फैमिली कोर्ट एक्ट,1984 की धारा 14 भी यही उपबन्ध करती है】। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com