भोपाल। Maulana Azad National Institute of Technology Bhopal के स्टार्टअप एक्सपो-2022 का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन की स्टार्टअप पॉलिसी जल्द ही लागू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्लोबल स्टार्टअप इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा जिसमें कई बड़े कारोबारी, स्टार्टअप के लिए फंडिंग करेंगे।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों भारत में एंटरप्रेन्योरशिप की लहर चल रही है। कई बड़ी कंपनियां, छोटी कंपनियों में इन्वेस्टमेंट करके उन्हें लिफ्ट करा रही हैं। स्टार्टअप को फंडिंग करने के लिए यह सबसे बेस्ट टाइम माना जा रहा है। आश्चर्यजनक बात यह है कि मध्यप्रदेश में अब तक स्टार्टअप के लिए कोई पॉलिसी ही नहीं बनी है जबकि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के कांसेप्ट पर काम करने की वचनबद्धता लगातार दोहराई जा रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने MANIT BHOPAL के स्टार्टअप एक्सपो-2022 का शुभारंभ करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में स्टार्टअप गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। यह एक्सपो मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मैनिट भोपाल के इण्टरप्रेन्योरशिप सेल द्वारा आयोजित किया गया। मैनिट के विद्यार्थियों, देश-विदेश के उद्यमियों, निवेशकों और प्रमोटर्स को जोड़ने के लिए यह सेल बनाया गया है।
हम मध्य प्रदेश को स्टार्टअप हब के रूप में विकसित करना चाहते हैं: सीएम शिवराज सिंह
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम मध्यप्रदेश को स्टार्टअप हब के रूप में विकसित करना चाहते हैं। प्रदेश में स्टार्टअप के लिए नीति तैयार की जा रही है। इसके लिए कोई सुझाव हो, तो युवा साझा करें। इंदौर के युवा चाहते हैं कि इंदौर को स्टार्टअप की राजधानी बनाया जाए। भोपाल भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं है। इस साल मध्यप्रदेश में स्थापित स्टार्टअप में से कम से कम दो स्टार्टअप को यूनिकार्न स्टार्टअप का दर्जा दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।
यूनिकार्न स्टार्टअप क्या होता है
एक बिलियन डॉलर से अधिक मार्केट वैल्यू से यूनिकार्न बनते हैं। देश में इस समय 80 से अधिक यूनिकार्न बन गए हैं और हमारा देश शीघ्र इसकी सेंचुरी की तरफ बढ़ रहा है। एक कदम आगे बढ़ते हुए डेकाकार्न कंपनियाँ भी स्थापित होने लगी हैं। डेकाकार्न 10 बिलियन डॉलर से अधिक की मार्केट वैल्यू से संभव होता है। राज्य सरकार युवाओं की हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है।
यदि इंदौर में 2000 करोड़ का स्टार्टअप बन सकता है तो सभी जिलों में क्यों नहीं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहाकि इंदौर के बच्चों के स्टार्टअप को देख कर आश्चर्य होता है। उनके स्टार्टअप कमाल कर रहे हैं। कोई 700-800 करोड़, तो कोई 2 हजार करोड़ रुपए की कंपनी बना चुके हैं। जब इंदौर में यह संभव हो सकता है तो प्रदेश के अन्य नगरों के युवा भी ऐसा कर सकते हैं।
मध्य प्रदेश में 1800 स्टार्टअप
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवाओं को बड़ा सपना देखना चाहिए। बड़े सपने ही उसे सच करने के संकल्प को बल देते हैं। मध्यप्रदेश में लगभग 1800 स्टार्टअप स्थापित हो चुके हैं। इसमें उल्लेखनीय यह है कि इनमें 40 प्रतिशत हमारी बेटियों और बहनों ने स्थापित किए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी बचपन से इनोवेट करने पर जोर देती है। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.