टॉप 10 वर्ल्ड फेमस मेडिकल यूनिवर्सिटी यूनाइटेड स्टेट्स और यूनाइटेड किंगडम में है लेकिन फिर भी भारत से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स MBBS की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन जाते हैं। 2 दिन पहले तक यह बात बहुत सारे लोगों को नहीं पता थी और आज यह सवाल (MBBS की पढ़ाई करने यूक्रेन क्यों जाते हैं भारत के स्टूडेंट्स) बहुत सारे लोगों की जुबान पर है।
MBBS के लिए आसानी से एडमिशन मिल जाता है
सबसे बड़ी बात यह है कि यूक्रेन में मेडिकल की सीट प्राप्त करने के लिए भारत जैसी मारामारी नहीं होती। यूनाइटेड स्टेट्स और यूनाइटेड किंगडम तो केवल वही स्टूडेंट जा पाते हैं जो ब्रिलिएंट होते हैं। भारत की मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी टैलेंटेड स्टूडेंट्स को ही एडमिशन मिल पाता है। सरकारी मेडिकल यूनिवर्सिटी का कंपटीशन तो सब जानते हैं। प्राइवेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी सीट प्राप्त करना आसान काम नहीं है, लेकिन यूक्रेन में आसानी से एडमिशन मिल जाता है। यदि आपने NEET क्लियर कर लिया है तो आपको यूक्रेन में एडमिशन मिल जाएगा फिर भले ही आपकी रैंक कुछ भी क्यों ना हो।
भारत की तुलना में यूक्रेन में MBBS की फीस भी बहुत कम है
दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत की तुलना में यूक्रेन में मेडिकल कोर्स के लिए फीस बहुत कम है। भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में MBBS के लिए एक स्टूडेंट पर कम से कम 60 लाख रुपए का खर्चा आता है, जबकि यूक्रेन में यह खर्चा कम से कम 50% कम हो जाता है। भारत की घटिया यूनिवर्सिटी में 50 लाख रुपए लगते हैं और यूक्रेन की बढ़िया यूनिवर्सिटी में 30 लाख रुपए से ज्यादा खर्चा नहीं आता।
भारत से यूक्रेन की दूरी भले ही 5000 किलोमीटर है लेकिन हवाई जहाज से आने जाने में मात्र 6 घंटे का समय लगता है। एयरपोर्ट का टाइम जोड़ दें तो भी 12 घंटे से ज्यादा नहीं लगता। फ्लाइट का किराया भी ज्यादा नहीं होता। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.