जबलपुर। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने जारी प्रेसनोट में बताया है कि 17 व 18 फरवरी 2022 से शुरू हो रही बोर्ड परीक्षाओं में पर्यवेक्षण कार्य करने वाले शिक्षकों / शिक्षिकाओं को विद्यालयीन कर्तव्य से पूर्णतया कार्यमुक्त करने वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र सम्प्रेषित किया है।
एक ही दिन में परीक्षा अवधि के दौरान दो बार कर्त्तव्यस्थल जो कि परीक्षा केन्द्र से 8-10 कि.मी. दूरी तक होता है, शिक्षक प्रातः काल से ही मानसिक रूप से 4-5 घंटे तक लगातार कार्य करते है, स्कूल पहुँच कर बोर्ड के नियमानुसार पर्यवेक्षण कार्य करता है, कार्य के उपरान्त शिक्षक शिक्षिकाएं अपना शक्ति के अनुरूप दायित्व पूर्ण कर चुके होते है।
शिक्षा कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य औचित्य हीन प्रतीत होता है। परीक्षा कार्य जैसे संवेदनशील कार्य के पश्चात अन्य किसी दूसरी ड्यूटी लगाने का तातपर्य है कि भविष्य के कर्णधारों को उचित ज्ञान न दिया जावे, जो शिक्षक स्कूल के स्थान पर किसी कार्यालयों में संलग्न है उन्हें अतिरिक्त कार्य दिया जाता है तो उचित होता लेकिन स्कूल में पदस्थ शिक्षकों की ड्यूटी अलग कार्य के लिए लगाना गलत है।
शासन द्वारा पूर्व में भी अतिरिक्त कार्य ना कराए जाने के आदेश जारी किए गए है। सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाने वाले अफसर शाही में मदहोश अफसरों के बे लगाम रवैये पर रोक लगना चाहिए।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिला संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, रविकांत दहायत,अजय दुबे, धीरेन्द्र सिंह, मुकेश मरकाम, प्रदीप पटैल,संजय गुजराल,रविकांत दहायत, नरेश शुक्ला, प्रसांत सोधिया,संतोष मिश्रा, योगेस चौधरी,विश्वदीप पटेरिया,मुकेश चतुर्वेदी, देव दोनेरिया, एस के बांदिल,आलोक अग्निहोत्री, योगेन्द्र मिश्रा ,डॉक्टर संदीप नेमा, नरेंद्र दुबे पी एल गौतम,मनोज खन्ना, ,मंसूर वेग,ए के प्यासी ,अर्जुन सोमवंसी ने सरकारी स्कूलों में पर्यवेक्षण कार्य करने वाले शिक्षकों और शिक्षकों को शिक्षा कार्य के अतिरिक्त कोई भी कार्य ना करवाये जाने की माँग की है। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.