जबलपुर। स्कूल में अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों के खिलाफ बड़वानी कलेक्टर की कार्रवाई को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा निरस्त कर दिया गया है। याचिका के परीक्षण एवं दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि कलेक्टर के आदेश पर की गई कार्रवाई नियम विरुद्ध थी अतः निरस्त की जाती है।
बड़वानी कलेक्टर की कार्यवाही में क्या गड़बड़ी हुई थी
बड़वानी में पदस्थ शिक्षक एवं याचिकाकर्ता पंचना खरस्ते, संतोष सोलंकी, ललिता दाखलेचा, सीताराम सस्ते व हरीश सोनवानिया की ओर से अधिवक्ता शक्ति सोनी प्रस्तुत हुए। उन्होंने हाईकोर्ट को बताया कि दिनांक 16 नवंबर 2021 को बड़वानी कलेक्टर ने दंडात्मक आदेश जारी किया था। इसके तहत सभी शिक्षकों की एक-एक वेतनवृद्ध रोकी गई एवं उनका ट्रांसफर कर दिया गया था।
एडवोकेट शक्ति सोनी ने बताया कि 7 अक्टूबर 2021 को अधिकारियों ने फूल का दौरा किया था। निरीक्षण के दौरान याचिकाकर्ता शिक्षक अनुपस्थित पाए गए थे। दूसरे दिन जिला परियोजना अधिकारी ने कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी। डीपीसी की रिपोर्ट के आधार पर दिनांक 12 अक्टूबर 2021 को सभी अनुपस्थित कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया।
अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों को सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया एवं सीधे दंडात्मक कार्यवाही कर दी। न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ ने माना कि इस तरह से एकतरफा कार्यवाही नहीं की जा सकती। शिक्षकों को अपना पक्ष रखने के लिए अवसर दिया जाना चाहिए था। क्योंकि कलेक्टर का दंडात्मक आदेश दूषित है इसलिए उसे निरस्त किया जाता है, लेकिन शासन को स्वतंत्रता दी जाती है कि वह याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का अवसर दें एवं उसके बाद नियमानुसार कार्रवाई करें। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.