भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं और इसी के साथ सरकार के सामने नई चुनौतियां पेश हो रही है। विभिन्न वर्गों में बैठी हुई जनता चुनाव से पहले हिसाब किताब करना चाहती है। कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर राजधानी भोपाल में ऐतिहासिक प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं।
कर्मचारियों का मूल मुद्दा पुरानी पेंशन योजना है। अब तक स्थिति नियंत्रण में थी परंतु पड़ोसी राजस्थान सरकार ने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन फिर से लागू कर दी है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नेता कमलनाथ ने भी पुरानी पेंशन की तरफदारी की है। अब भाजपा सरकार के सामने चुनौती है, क्योंकि पुरानी पेंशन चुनावी मुद्दा बन गई है। शिवराज सिंह चौहान सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए विभिन्न कर्मचारी संगठन लामबंदी कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पुरानी पेंशन के मामले में अब तक मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार, केंद्र सरकार का नाम लेकर बची हुई थी परंतु अब स्थिति बदल गई है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि जब राजस्थान में पुरानी पेंशन बहाल हो सकती है तो फिर मध्यप्रदेश में क्यों नहीं। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 1 जनवरी 2004 को न्यू पेंशन स्कीम लागू की गई थी परंतु मध्य प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों पर यह योजना लागू नहीं होने दी थी। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया karmchari news पर क्लिक करें.