जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सतना कलेक्टर सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव, सीएमओ सतना, बीएमओ और ग्राम पंचायत सचिव सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करके सवाल किया है कि आशा कार्यकर्ता अंजलि जायसवाल को सुनवाई का मौका दिए बिना उसकी सेवा समाप्त क्यों कर दी गई।
याचिकाकर्ता अंजली जायसवाल की ओर से अधिवक्ता आनंद कृष्ण त्रिवेदी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि उनकी पक्षकार स्वास्थ्य कारणों से मेडिकल लीव पर थी। मैहर के ब्लाक मेडिकल आफिसर ने अंजली को कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना ही टर्मिनेट कर दिया।
अंजली ने सीएमओ व कलेक्टर सतना को आवेदन पेश कर मामले की शिकायत की। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अनावेदकों से जवाब-तलब कर लिया। अगली सुनवाई अप्रैल 2022 के पहले सप्ताह में निर्धारित की गई है। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.