मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट ने अपने ही रजिस्टार जनरल से सवाल किया है कि सिविल जज भर्ती परीक्षा में EWS- Economically Weaker Section आरक्षण का प्रावधान क्यों नहीं किया गया। एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस पुरु कौरव की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, राज्य शासन और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता होशंगाबाद निवासी अधिवक्ता शुभांगी मंगल की ओर से अधिवक्ता बृजेश दुबे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि हाई कोर्ट ने सिविल जज भर्ती परीक्षा का विज्ञापन निकाला है, इसमें ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण नहीं दिया गया। जबकि 2019 में संसद द्वारा संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करके आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
इस संशोधन के बाद केंद्र व राज्य सरकार ने EWS के लिए 10% आरक्षण निर्धारित किया था। इसके बाद भी सिविल जज भर्ती में EWS को आरक्षण क्यों नहीं दिया गया। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मध्यप्रदेश शासन ने भी एक सर्कुलर जारी कर के सभी विभागों को निर्देशित किया है कि 10% EWS आरक्षण का प्रावधान किया जाए। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.