जबलपुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में आयकर छूट सीमा 2.5 लाख रूपये थी जिसे केन्द्रीय / राज्य कर्मचारी बढाकर 10 लाख की मांग कर रहे थे किन्तु वित्त मंत्री द्वारा कर्मचारियों की अनदेखी कर इसमें कोई राहत नहीं दी गई है।
इसी प्रकार बजट में पुरानी पेंशन योजना दिनांक 31.12.2004 में स्थिति में पुनः लागू करने के संबंध में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। वहीं राज्य के कर्मचारी केन्द्र सरकार से यह अपेक्षा कर रहे थे की वित्त मंत्री एक राष्ट्र एक कर (जी.एस.टी) के समान समान वेतन एवं भत्तों का प्रावधान कर देश में सभी कर्मचारियों को एक समान मकान भाडा भत्ता, चिक्तिसा सुविधा, एवं अन्य भत्ते प्राप्त हो सकें संबंध में कोई भी प्रावधान करेंगी किन्तु ऐसा कुछ न हो सका। प्रथम दृष्टया यह आम बजट 2022-23 से देश एवं प्रदेश के कर्मचारियों के लिए निराशा लेकर आया है।
संघ के योगेन्द्र दुबे , अर्वेन्द्र राजपूत अवधेश तिवारी अटल उपाध्याय , आलोक अग्निहोत्री , मिर्जा मंसूर बेग , आशुतोष तिवारी , दुर्गेश पाण्डे , डॉ ० संदीप नेमा , गोविन्द विल्थरे , रजनीश तिवारी , डी . डी . गुप्ता , पवन श्रीवास्तव संतकुमार छीपा एम . एल . शर्मा , रमाकांत पटेल , एच . पी . गौतम , नरेन्द्र शुक्ला , किशोर ठाकुर आदि ने केन्द्र की सरकार से मांग की है कि कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में कर्मचारी के साथ छलाबा बन्द करते हुए आयकर की छूट सीमा 10 लाख की जावे तथा पुरानी पेंशन योजना पुनः लागू की जाये । मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.