भोपाल। पिछले महीने तक कोई प्रॉब्लम नहीं थी लेकिन राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की अशोक गहलोत सरकार ने सारा कैलकुलेशन ही बिगाड़ दिया। वहां पुरानी पेंशन की घोषणा हो गई। झारखंड में भी हो गई। अब मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह सरकार पर दबाव है। सरकार फिलहाल किसी डिसीजन पर नहीं पहुंची है परंतु पुरानी पेंशन की बहाली में फायदे और नुकसान पर विचार विमर्श शुरू हो गया है।
पुरानी पेंशन का फायदा- हर साल 344 करोड़ की बचत
पुरानी पेंशन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि प्रॉपर्टी बेचकर काम चला रही मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को हर साल 344 करोड रुपए की बचत होगी। यह बचत लगातार 12 साल तक चलेगी। न्यू पेंशन स्कीम के तहत सरकार को कर्मचारी के खाते में अपना 14% अंशदान तत्काल जमा करना होता है। न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों की संख्या 3.35 लाख हो गई है।
पुरानी पेंशन के नुकसान- 12 साल बाद दिवाला निकल जाएगा
पुरानी पेंशन योजना का वजन कितना है सीएम शिवराज सिंह चौहान से ज्यादा कौन जान सकता है। कुछ सालों पहले उन्हें पुराने पेंशन नियमों के कारण ही कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करनी पड़ी थी, क्योंकि सरकार के पास पेंशन नियम-1972 के तहत रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को देने के लिए इतना सारा पैसा था ही नहीं। यदि आज पुरानी पेंशन की घोषणा कर दी तो 12 साल बाद सरकार के पास बेचने के लिए प्रॉपर्टी भी नहीं बचेगी। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.