भोपाल। मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित गुरुद्वारे में एक शिक्षक ने आत्महत्या कर ली। वह देवास का रहने वाला था। एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाता था। कुछ समय पहले बिना किसी कारण के उसे नौकरी से निकाल दिया था। परिवार वालों ने बताया कि जॉब चले जाने के कारण वह बहुत अधिक डिप्रेशन में था। फरवरी के महीने में यह तीसरी आत्महत्या है।
शिक्षक आत्महत्या करने देवास से उज्जैन आया था
देवास गेट थाना प्रभारी राम मूर्ति शाक्य द्वारा बताई गई घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि शिक्षक कमलजीत सिंह उम्र 39 साल, आत्महत्या करने के इरादे से ही देवास से उज्जैन आया था। रविवार की शाम वह गुरुद्वारे पहुंचा। उसने बताया था कि वह ग्वालियर से आ रहा है और भोपाल जाएगा। शाम 7:00 बजे कमलजीत सिंह को कमरा दिया गया। दूसरे दिन सुबह वह अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकला।
सेवक उन्हें जगाने पहुंचा तो कोई रिस्पांस नहीं मिला। खिड़की से झांक कर देखा तो फांसी के फंदे पर डेड बॉडी लड़की हुई थी। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर प्रवेश किया। पूरे कमरे में खून बिखरा हुआ था। कमलजीत सिंह ने आत्महत्या करने से पहले अपने हाथों की नसें काट ली थी। परिवार वालों ने पुलिस को बताया है कि सरकार की तरफ से कोई वैकेंसी ओपन नहीं हो रही थी। उसकी उम्र बढ़ती जा रही थी। वह शादीशुदा था, जिम्मेदार था इसलिए डिप्रेशन में चला गया था।
1 महीने पहले भी उसने आत्महत्या करने के लिए नस काट ली थी। घरवालों ने देख लिया और समय रहते उसे बचा लिया गया था। शायद यही कारण रहा कि इस बार वह अपने घर से दूर आया। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.