भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में गेस्ट फैकेल्टी के लिए सैलरी फिक्स होने के बाद, रिस्पांसिबिलिटी का भी फिक्सेशन किया जा रहा है। अब उन्हें एक रेगुलर एम्पलाई की तरह काम करना होगा। रोजाना 5 घंटे और सप्ताह में 40 घंटे के लिए कॉलेज में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। जिसमें से हर सप्ताह 17 घंटे का प्रत्यक्ष शिक्षण कराना होगा।
गौरतलब है कि तकनीकी कॉलेजों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को ₹30000 का फिक्स भुगतान किया गया है। इसके लिए उन्हें प्रति सप्ताह 17 घंटे का प्रत्यक्ष शिक्षण कराना होगा। इसके अलावा उन्हें ट्यूटोरियल, एक्स्ट्रा क्लास, प्रैक्टिकल, एडमिशन, एग्जाम वर्क भी कराना होगा।
इसके साथ ही अतिथि शिक्षकों ने पीएचडी धारक को प्राथमिकता दिए जाने का विरोध करना शुरू कर दिया है। अतिथि शिक्षकों ने बताया कि चयन प्रक्रिया के लिए 4 श्रेणीयाँ निर्धारित की गई थीं, जिसके तहत अंतिम मेरिट सूची में गेस्ट फैकल्टी द्वारा न्यूनतम अर्हता उपाधि के दर्ज और सत्यापित अंको के प्रतिशत के साथ अन्य अधिभार को जोड़ते हुए लिस्ट बनाई जाएगी।
इसमें श्रेणी एक में संबंधित विषय में पीएचडी और गेट/ नेट /स्लेट को रखा गया है। दूसरी श्रेणी में पीएचडी या गेट/ नेट /स्लेट को रखा गया है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में पहले से पढ़ा रहे अधिकांश अतिथि शिक्षक एमटेक है। पीएचडी कम ने ही की है, ऐसे में पीएचडी वाले नियम का वेटेज मिलने से पहले से पढ़ा रहे अतिथि शिक्षक बाहर हो सकते हैं। अतिथि शिक्षकों ने पूर्व की तरह नियम करने की मांग रखी है। इसके अलावा अतिथि शिक्षकों का कार्यकाल 11 माह की जगह 12 महीने किए जाने की मांग की जा रही है।