जबलपुर। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के दर्जनों गांव में आज अचानक बे मौसम ओलावृष्टि हो गई। मौसम वैज्ञानिक भी आश्चर्यचकित हैं कि कुछ इलाकों में इस प्रकार की भारी ओलावृष्टि कैसे हो सकती है जबकि सिवनी जिला मुख्यालय में धूप खिली हुई थी।
गुरूवार शाम 4 बजे के करीब धनौरा तहसील मुख्यालय से लगे कई गांव में तेज बारिश के साथ चने व बेर आकर के ओले गिरे। वहीं केवलारी तहसील के छींदा क्षेत्र करीब 27 से ज्यादा गांव में शाम करीब 5 बजे रूक-रूककर बारिश व ओलावृष्टि हुई। पीड़ित किसानों ने बताया कि, तेज बारिश के साथ आंधी-तूफान व ओलों की मार से गेहूं की फसल खेतों में बिछकर बर्बाद हो गई। किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल लगभग पककर कटने के लिए तैयार हो चुकी थी, ऐसे में ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार केवलारी व धनौरा तहसील के 42 गांव ओलवृष्टि से प्रभावित हुए हैं।
सिवनी जिले के छींदा क्षेत्र में ओलों ने मचाई तबाही
ओलावृष्टि से केवलारी तहसील के छींदा क्षेत्र में ज्यादा नुकसान हुआ है।केवलारीखेड़ा, माल्हनवाड़ा, पुंगार, सर्रई, पुंगारटोला, बक्शी, बबरिया, तिंदुआ, छींदा, सालीवाड़ा, रायखेड़ा, कोहका, चांदनखेड़ा गुबरिया, पुतर्रा, बुधवारा, किमाची, टाला, भाटा, टाली, कारापाठा इत्यादि गांव में बेर और उससे बड़े आकर के ओले गिरे हैं। कुछ गांव में आंवला आकर के ओले गिरे हैं।किसानों ने बताया कि 7 से 8 बार रूक-रूककर बारिश के साथ क्षेत्र में ओलावृष्टि हुई है।छींदा के किसान सचिन राजपूत ने बताया कि करीब डेढ़ घंटे तक तेज बारिश हुई।इस दौरान रूक-रूककर ओलावृष्टि हुई है।वहीं धनौरा तहसील मुख्यालय में दोपहर करीब 4 बजे जोरदार बारिश से सड़कें सराबोर हो गई।
धनौरा में हल्की ओलावृष्टि हुई है, जबकि तहसील मुख्यालय से लगे सलेमा, साजपानी, बेगरवानी, तीतरी इत्यादि गांव में ओलावृष्टि से सड़क व घर के आंगन में ओलों की परत जम गई।तीतरी गांव के किसान रामचंद्र उइके ने बताया कि, आंधी तूफान के साथ हुई बारिश व ओलावृष्टि से गेहूं, चना व दलहन फसलों को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में लगी सब्जी, भाजी व अन्य नकदी फसलें भी ओलावृष्टि की मार से तबाह हो गई हैं। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.