जब किसी राजस्व प्राधिकारियों के आदेशों, निर्णय या कोई कार्यवाही से भू स्वामी को ठीक प्रकार से इंसाफ नहीं मिल पाता है तब ज्यादातर लोग भूमि संबंधित मामलों को सिविल न्यायालय में लेकर चले जाते हैं लेकिन इन मामलों की अपील, पुनः निरीक्षण, पुनः अवलोकन के लिए मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता,1959 की धारा 3 में राजस्व मण्डल का गठन किया गया है। मण्डल में एक अध्यक्ष एवं दो या दो से अधिक सदस्य होंगे। • राजस्व मण्डल को तथ्य का अंतिम न्यायालय माना है【किशोरी लाल बनाम विक्रय अधिकारी जिला भूमि विकास बैंक】।
मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 7 एवं 8 की परिभाषा:-
राजस्व मण्डल संहिता के अधीन निम्न अधिकारिता शक्तियां प्राप्त है:-
(क). अधीक्षण (पर्यवेक्षण) की शक्ति:- राजस्व मण्डल सभी भू राजस्व मामलों में जो उसकी अपीलीय या पुनरीक्षण अधिकारिता के अधीन है। समस्त अधिकारियों पर उस सीमा तक जाँच पड़ताल की शक्ति प्राप्त होगी।
(ख). नियम बनाने की शक्ति:- संहिता की धारा 41 के अनुसार मण्डल को समय समय पर कार्य व्यवसाय और प्रक्रिया के नियम बनाने की शक्ति प्राप्त है।
(ग). मामले को ट्रांसफर करने की शक्ति:- मण्डल को धारा-29 के अनुसार राजस्व आयुक्त को मामले को भेजने की शक्ति प्राप्त है, मंडल स्वयं विवेक से किसी भी पक्षकार का मामला, प्रकरण किसी भी आयुक्त या राजस्व अधिकारी को भेज सकता हैं।
(घ). अपील सुनने की शक्ति:- संहिता की धारा 44 के अनुसार राजस्व मण्डल को पक्षकारों की प्रथम एवं द्वितीय अपील सुनने का अधिकार प्राप्त होता है।
(ङ). पुनः निरीक्षण की शक्ति:- संहिता की धारा 50 के अनुसार राजस्व मण्डल को पक्षकारों के आवेदन पत्र पर पुनः मुआइना या जाँच पड़ताल(निरीक्षण) करने की शक्ति प्राप्त है।
नोट:- किसी राजस्व अधिकारी(आयुक्त, कलेक्टर, उपखंड अधिकारी,तहसीलदार आदि) के आदेश के विरुद्ध सीधे राजस्व मण्डल के समक्ष पुनः निरीक्षण के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है【ओमप्रकाश बनाम मध्यप्रदेश राज्य,2004】।
(च). पुनः अवलोकन की शक्ति:- संहिता की धारा 51 में राजस्व मण्डल को किसी भी हितबद्ध पक्षकारों के आवेदन पर पुनः विचार या पुनः अवलोकन करने की शक्ति प्राप्त है।
(छ). राज्य सरकार की शक्ति:- संहिता की धारा 262 के अनुसार राजस्व मण्डल को ऐसे समस्त मामले जो इस संहिता में लागू है चाहे, अपील, पुनः निरीक्षण, पुनः अवलोकन या कोई लाम्बित हो,या समुचित विधि के आदि नियमों के अनुसार विनिश्चित किये जाएंगे।
राजस्व मण्डल को राजस्व अधिकारी से दस्तावेजों,बुक लेखा/जोखा के प्रपत्रों आदि को मांगने की शक्ति प्राप्त है या नहीं जानिए:-
• शंकरलाल एवं अन्य बनाम मध्यप्रदेश राज्य,2000:- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 227 के आधीन उच्च न्यायालयो को अधीनस्थ न्यायालयो से विवरण मंगाने, उनकी कार्य प्रणाली और कार्यवाहियों के2विनियम हेतु नियम बनाने एवं पदाधिकारियों द्वारा रखी जाने वाली पुस्तकों, प्रविष्टियों और लेखाओ के प्रपत्रों को विहीत करने की शक्ति प्राप्त है। इसी प्रकार संहिता की धारा 8 के अधीन राजस्व मण्डल को अधीक्षण संबंधित शक्तियां प्राप्त है। राजस्व मण्डल राजस्व प्राधिकारियों से सभी प्रकार के अभिलेखों, प्रपत्रों, लेखाओ एवं पुस्तक को देख रेख एवं जांच पड़ताल या संचालन के लिए बुलवा सकता है।
मध्यप्रदेश में राजस्व मण्डल कहाँ एवं कौन अध्यक्ष सदस्य हैं:-
"मध्यप्रदेश राजस्व मण्डल का मुख्यालय मोतीमहल ग्वालियर में स्थित हैं इसके वर्तमान अध्यक्ष श्री अशिवनी कुमार राय हैं एवं प्रशासनिक सदस्य श्री मनु श्रीवास्तव एवं सदस्य श्री राजेश बहुगुणा जी हैं। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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