भोपाल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में एक किसान 17 साल बाद जिंदा हो गया। उसे जीवित घोषित करने के लिए राजस्व विभाग के चार पटवारियों, किसान की पत्नी और बेटे के खिलाफ धोखाधड़ी का आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।
मामला भ्रष्टाचार का है। ताईखेड़ा गांव के किसान तिलकचंद धाकड़ उम्र 70 वर्ष ने शिकायत की थी कि उसकी जमीन हड़पने के लिए राजस्व विभाग के दस्तावेजों में उसे मृत घोषित कर दिया गया। यह घटनाक्रम 17 साल पहले हुआ। 17 साल तक किसान हर सरकारी अफसर के सामने खुद को जिंदा साबित करने की कोशिश करता रहा। सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की लेकिन कोई मदद नहीं मिली। जांच के जिम्मेदार दो पटवारी हरीदास क्षीरसागर, पूनम उईके ने किसान की पत्नी सावित्री बाई तथा पुत्र राजू धाकड़ से झूठा शपथ पत्र प्राप्त किया और शिकायत क्लोज कर दी। इसीलिए चारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया।
17 साल बाद किसान को न्याय कैसे मिला
सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित हो चुके किसान ने ठीक वही तरीका जो बॉलीवुड फिल्म जॉली एलएलबी में बताया गया था। किसान ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में हंगामा कर दिया। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। क्योंकि हंगामा करने वाला किसान सरकारी दस्तावेजों में मर चुका था, इसलिए उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता था। सबसे पहले उसे जिंदा करने की प्रक्रिया शुरू हुई। पुलिस ने अपनी इन्वेस्टिगेशन में पाया कि पटवारियों ने अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया बल्कि पद का दुरुपयोग किया। शिकायत पर उन्हें फिजिकल वेरिफिकेशन करना चाहिए था। केवल शपथ पत्र के आधार पर फाइल क्लोज नहीं करनी थी। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.