भोपाल। मध्यप्रदेश में टोल टैक्स पॉलिसी में परिवर्तन किया गया है। राज्य सड़क विकास निगम द्वारा जो नई सड़कें बनाई जा रही है उनमें यात्री वाहनों पर टोल टैक्स नहीं लगेगा। केवल कमर्शियल वाहनों से टोल टैक्स वसूला जाएगा। उल्लेखनीय है कि सन 2023 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वर्तमान सत्र में सरकार जनता की सभी तकलीफ दूर करना चाहती है।
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार वर्तमान में जो टोल वसूली होती है, उसमें अस्सी प्रतिशत राशि वाणिज्यिक वाहनों से प्राप्त होती है। जबकि, निजी उपयोग में आने वाले वाहनों से टोल टैक्स कम मिलता है और परेशानी अधिक होती है। इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। प्रदेश में अधिकांश मुख्य मार्ग राज्य सड़क विकास निगम द्वारा बिल्ड आपरेट एंड ट्रासफर (बीओटी) पद्धति पर बनाए जा रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग ने 200 सड़कों का सर्वे कराया था। इसमें यह सामने आया कि जो टोल टैक्स वसूला जाता है, उसमें अस्सी प्रतिशत की हिस्सेदारी वाणिज्यिक वाहनों की होती है। निजी छोटे वाहनों से मात्र बीस प्रतिशत टैक्स मिलता है। जबकि, यात्रियों को परेशानी अधिक होती है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया था कि निजी वाहनों की यदि टोल टैक्स से छूट दी जाए तो यात्रियों को सुविधा होगी और राजस्व का भी अधिक नुकसान नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने इसके मद्देनजर नीति में संशोधन का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे। तय किया गया है कि अब चाहे बीओटी (एजेंसी सड़क बनाती है, टोल लेती है और निश्चित अवधि के बाद सरकार को सौंप देती है) की सड़क हो या फिर एन्यूटी पद्धति (एजेंसी द्वारा सड़क निर्माण करने के बाद उसे समान किस्तों में लागत राशि दी जाती है) पर बनने वाली सड़क हो, इन पर निजी उपयोग में आने वाले यात्री वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा।
विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई का कहना है कि अब टोल टैक्स लगाने के जो भी प्रस्ताव कैबिनेट की अनुमति के लिए भेजे जाएंगे, उनमें निजी वाहनों से टैक्स नहीं लेने का प्रावधान शामिल रहेगा। पूर्व में कुछ सड़कों के प्रस्ताव पुराने प्रविधान अनुसार कैबिनेट में चले गए थे और स्वीकृति भी मिल गई थी, उन्हें भी संशोधन के लिए प्रस्तुत करने की तैयारी की जा रही है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.