भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का मौसम शुरू हो चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सत्ता परिवर्तन और उपचुनाव में पराजय के बाद अब किसी भी प्रकार की फीडबैक पर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं है। गुरुवार को उन्होंने पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों को बुलाकर दो टूक शब्दों में कहा कि या तो 8 दिन में काम दिखाएं या फिर इस्तीफा दे दें।
मध्य प्रदेश के कई जिलों में मंडलम सेक्टर में नियुक्तियां नहीं हुई है। जिला अध्यक्षों की मीटिंग में कमलनाथ इस बात से नाराज हो गए। उन्होंने 8 दिन का अल्टीमेटम दिया है। 25 फरवरी तक सभी मंडलम सेक्टर में जिला अध्यक्षों को नियुक्तियां करना है। कमलनाथ ने जिलाध्यक्षों को हिदायत दी कि यदि किसी जिले में आपसी विवाद है, तो उसे बैठकर निपटाएं।
PCC दफ्तर में हुई बैठक में कमलनाथ ने अच्छे काम पर पुरस्कार देने का ऐलान भी किया। सबसे ज्यादा सदस्य बनाने वाले जिलाध्यक्ष को सम्मानित किया जाएगा। सबसे ज्यादा मेंबर बनाने वाले जिलाध्यक्षों को फर्स्ट, सेकंड और थर्ड रैंक के पुरस्कार दिए जाएंगे।
बैठक में यह बात भी सामने आई कि कांग्रेस के अभियान में फर्जीवाड़ा होता है। यही कांग्रेस को नुकसान पहुंचाता है। डिजिटल सदस्यता अभियान से फर्जी मेंबरशिप खत्म होगी। पहले सदस्य बना दिए जाते थे। इस प्रणाली से दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। पहले हर राज्यों में फर्जी सदस्य जोड़ दिए जाते थे। प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक ने तेलंगाना सदस्यता अभियान को रोल मॉडल बताया। जिसे फॉलो करने की बात जिलाध्यक्षों से कही गई। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.