भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुलासा किया है कि उन्होंने अपने शासनकाल में किसानों की कर्ज माफी जाति के आधार पर की थी। यहां उल्लेख प्रासंगिक है कि 2018 के विधानसभा चुनाव के समय किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया गया था। घोषणापत्र में किसी भी प्रकार का वर्गीकरण नहीं था।
जिन 27 लास्ट किसानों का कर्ज माफ किया, उसमें सबसे ज्यादा ओबीसी थे: कमलनाथ
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार एवं छिंदवाड़ा विधायक कमलनाथ ने कहा कि 'जब हमने किसानों का कर्ज़ा माफ करने का फ़ैसला किया मेरे सामने उपाय थे कि पहली किश्त में क्या करेंगे। पहली किश्त में किसका कर्ज़ा माफ करेंगे ? मैंने कहा पहली किश्त में, जहाँ 27 लाख किसानों का कर्ज़ा माफ हुआ उसमें सबसे बड़ी संख्या पिछड़े वर्ग की थी।
तो क्या इसीलिए कांग्रेस पार्टी में तनाव हो गया था
इस खुलासे के बाद बड़ा प्रश्न यह उपस्थित होता है कि क्या कमलनाथ की इसी पॉलिसी के कारण कांग्रेस पार्टी में तनाव की स्थिति बन गई थी। एक समय ऐसा आया था जब कांग्रेस पार्टी की सरकार किसानों का कर्ज माफ करने का दावा कर रही थी वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के ही कुछ विधायक खुलकर कहने लगे थे कि उनके क्षेत्र में किसानों के कर्ज माफ नहीं हुए हैं। शायद उनके क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के किसान नहीं थे। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.
जब हमने किसानों का कर्ज़ा माफ करने का फ़ैसला किया मेरे सामने उपाय थे कि पहली किश्त में क्या करेंगे।
— MP Congress (@INCMP) February 18, 2022
पहली किश्त में किसका कर्ज़ा माफ करेंगे ?
मैंने कहा पहली किश्त में, जहाँ 27 लाख किसानों का कर्ज़ा माफ हुआ उसमें सबसे बड़ी संख्या पिछड़े वर्ग की थी।
― कमलनाथ pic.twitter.com/07AU2OmFcS