उज्जैन। दुनिया भर में शिव भक्तों की आस्था के केंद्र ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर की प्रॉपर्टी बेचने की तैयारी की जा रही है। उज्जैन कलेक्टर ने प्लान तैयार कर लिया है। कुल 84 बीघा से ज्यादा जमीन बेचने की तैयारी है। कलेक्टर का कहना है कि इस जमीन से कोई फायदा नहीं हो रहा। इसलिए बेच रहे हैं।
सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार शिव भक्ति में रमे लोगों पर जब सत्य का उद्घाटन होता है। तब ऐसे लोग अपनी सारी संपत्ति भोलेनाथ के चरणों में अर्पित करके, मोह माया त्यागकर आनंद में डूब जाते हैं। इसी प्रकार के शिव भक्तों ने मध्य प्रदेश के विभिन्न इलाकों में मौजूद अपनी संपत्ति महाकालेश्वर को अर्पित कर दी। इस प्रकार की संपत्ति का उपयोग उन क्षेत्रों में धर्म की प्रभावना बढ़ाने के लिए किया जाता है। शिव मंदिर बनवाए जा सकते हैं। विद्यालय, लाइब्रेरी एवं गरीब बच्चों के लिए अध्ययन केंद्र बनाए जा सकते हैं। निशुल्क अथवा न्यूनतम दरों पर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग शुरु की जा सकती हैं परंतु उज्जैन कलेक्टर की प्लानिंग कुछ और है।
बाबा महाकाल की संपत्तियों की देखभाल के लिए गठित समिति ने उपरोक्त में से कोई धर्मकार्य काम नहीं किया। अब कहा जा रहा है कि संपत्तियों पर अतिक्रमण हो गया है। उनसे राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है। इसलिए उन्हें बेचकर उज्जैन में संपत्ति खरीदेंगे।
बाबा महाकाल की कहां कितनी प्रॉपर्टी, जिसे बेचने की तैयारी है
उज्जैन - 0.627 हेक्टेयर
बामोरा-11.05 हेक्टेयर
नईखेड़ी- 3.030 हेक्टेयर
लेकोड़ा आंजना- 4.860 हेक्टेयर
पिपलोदा सांगोती- 2.700 हेक्टेयर
जलोदिया जागीर-1.230 हेक्टेयर
निमनवासा- 9.040 हेक्टेयर
मंगरोला- 5.220 हेक्टेयर
चिंतामन जवासिया -7.40 हेक्टेयर
देवास के राला मंडल- 10.600 हेक्टेयर
सोन्सर- 0.890 हेक्टेयर
कराड़िया- 5.290 हेक्टेयर
रतलाम के पिपलोदा- 9.768 हेक्टेयर
इंदौर के सांवेर- 3.792 हेक्टेयर
राजगढ़ के जीरापुर- 2.841 हेक्टेयर