जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने छतरपुर जिले के तहसीलदार और डिप्टी कमिश्नर को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। मामला वसीयत के विवाद पर सुनवाई का है। तहसीलदार एवं डिप्टी कमिश्नर को इस तरह के विवाद में सुनवाई और निर्णय का अधिकार नहीं है परंतु उन्होंने ना केवल सुनवाई की बल्कि डिसीजन भी दे दिया।
न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता छतरपुर निवासी निमिया सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता शंभूदयाल गुप्ता न कपिल गुप्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि यह मामला वसीयत विवाद का है। याचिकाकर्ता विधि सम्मत वसीयत के आधार पर कृषि भूमि पर खेती से अपने परिवार का भरण-पोषण करते चले आ रहे थे। इसी बीच कुछ गांव वालों द्वारा दुर्भावनावश वसीयत को अवैध बताते हुए तहसीलदार के न्यायालय में शिकायत प्रस्तुत कर दी।
तहसीलदार व उपायुक्त को इस प्रकार के विवाद में सुनवाई का अधिकार नहीं है। यह विवाद सिविल न्यायालय में सुनवाई के योग्य है लेकिन फिर भी तहसीलदार ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर ना केवल मामले की सुनवाई की बल्कि फैसला भी कर दिया। तहसीलदार के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
हाई कोर्ट पूरा मामला समझने के बाद तहसीलदार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पूछा है कि उन्होंने वसीयत विवाद की सुनवाई एवं फैसला किस अधिकार से किया है। जवाब प्रस्तुत करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.