मध्य प्रदेश पुलिस डिपार्टमेंट में सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक मैदान में मोर्चा संभालते हैं। अपराधियों को पकड़ते हैं। आपराधिक मामलों की जांच करते हैं। एसपी, जिले की पूरी पुलिस फोर्स का कप्तान होता है और डीजीपी मध्य प्रदेश पुलिस विभाग का मुखिया होता है। सवाल यह है कि IG (full form Inspector-General of Police) पुलिस महानिरीक्षक क्या करते हैं। पुलिस फोर्स में उनकी क्या भूमिका होती है। आईजी के अधिकार, जिम्मेदारियां और शक्तियां क्या हैं। आइए जानते हैं:-
Madhya Pradesh Police Regulations क्या है
पुलिस अधिनियम,1861 की धारा 46 उपधारा (2) एवं (3) के अनुसार राज्य सरकार पुलिस अधिनियम में समय समय पर परिवर्तन कर सकती हैं एवं राज्य पुलिस रेगुलेशन (नियम) बना सकती है। इसी अनुसार मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पुलिस विनियम बनाए गए इसके अंतर्गत पुलिस वरिष्ठ अधिकारियों एवं पुलिस अधिकारी की शक्ति, कर्तव्यों, दायित्व को बताया गया है।
मध्यप्रदेश पुलिस विनियम (रेगुलेशन) नियम क्रमांक 10 की परिभाषा:-
उक्त धारा मध्यप्रदेश पुलिस महानिरीक्षक अर्थात IG की शक्तियों एवं कर्तव्यों को बताती है
• पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधिनियम की धारा 5 के अनुसार सम्पूर्ण राज्य में प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट की समस्त शक्तियों का उपयोग करता है। अर्थात पुलिस महानिरीक्षक को दंडाधिकारी की शक्तियां प्राप्त होती हैं। अगर महानिरीक्षक को कोई गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करता है तब उसके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 211 {नुकसान (क्षति) पहुचाने के उद्देश्य से झूठा आरोप लगाना} के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।
• पुलिस अधिनियम की धारा 12 के अनुसार महानिरीक्षक को निम्न नियम बनाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है यह नियम या आदेश स्वंय के विवेकानुसार बना सकता है। जो इस प्रकार हैं:-
- बल के संगठन,
- वर्गीकरण एवं वितरण पर,
- बल निवास करेगे एवं बल के सदस्य के द्वारा की जाने वाली विशिष्ट सेवाओ में,
- बल के निरीक्षण,
- उन्हें दिए जाने वाले अस्त्र शस्त्र,
- साज सज्जा एवं अन्य वस्तुओं पर,
- गुप्त वार्ता एवं जानकारी के संग्रहण एवं सूचनाओं के संबंध में,
- पुलिस बल से संबंधित ऐसे आदेश,
- नियम जो महानिरीक्षक कर्तव्य के दुरूपयोग या उपेक्षा निवारण के लिए हो नियम बना सकता है।
नोट:- ऐसे समस्त आदेश पुलिस राजपत्र में राजपत्रित आदेशों की भांति प्रकाशित होंगे।
पुलिस महानिरीक्षक (IG) को विभागीय जाँच संचालित करने हेतु जाँच अधिकारी नियुक्त करने की शक्ति प्राप्त है【रामस्वरूप पांडरे बनाम मध्यप्रदेश राज्य एवं अन्य 2015】।
अतः हम कह सकते हैं कि अगर कोई पुलिस थाना अधिकारी किसी अपराध की गलत रिपोर्ट बनाता है तब आम व्यक्ति महानिरीक्षक से साक्ष्यों के साथ शिकायत कर सकता है। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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