मध्यप्रदेश में किसान अधिकतम कितनी जमीन का मालिक हो सकता है, पढ़िए MPCAH Act 1960

Bhopal Samachar

The Madhya Pradesh Ceiling on Agricultural Holdings Act, 1960

मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता,1959 की धारा 57 यह कहती है कि प्रदेश की समस्त भूमि पर राज्य सरकार का अधिकार है। भारतीय संविधान के कहा गया है कि राज्य का कर्तव्य है कि वह भारत के सभी नागरिकों को बराबर का हक दे एवं राज्य की गरीबी को खत्म करे। इसी को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा एक कानून बनाया गया जिसका नाम है- मध्यप्रदेश कृषि खातों की अधिकतम सीमा अधिनियम, 1960 (The Madhya Pradesh Ceiling on Agricultural Holdings Act, 1960)

मध्य प्रदेश कृषिक जोत उच्चतम सीमा अधिनियम, 1960 में खास उपबन्ध क्या हैं जानिए:-

यह कानून मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 15 नवम्बर, 1961 में सम्पूर्ण राज्य में लागू किया गया। इस कानून में यह बताया गया है कि कोई भी भूमि स्वामी या किसान व्यक्ति 7 मार्च 1974 के बाद आवश्यकता से अधिक कृषि योग्य भूमि का मालिक नहीं होगा। अगर वह रखता है तो उसकी अधिकतम सीमा से ज्यादा भूमि राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित कर ली जायेगी। राज्य सरकार ऐसी भूमि को गाँव के भूमिहीन गरीब व्यक्ति, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के गरीब व्यक्ति, निर्धन व्यक्तियों या कोई सामाजिक संस्था जो भूमिहीन है, समाज के लिए कार्य कर रही है उसे देगा। अर्थात इस अधिनियम का उद्देश्य भूमिहीन मजदूरों को कृषि के लिए भूमि देना है। जिससे वह अपनी आजीविका चला सके।

मध्यप्रदेश में किसान के लिए कृषि भूमि की अधिकतम सीमा क्या है

अधिनियम की धारा 7 के अनुसार मध्यप्रदेश के किसान व्यक्ति 7 मार्च 1974 के बाद कितनी भूमि रखने का हकदार होगा जानिए-
1. दो फसल वाली सिंचाई युक्त कृषि भूमि:-
 A. जब भूमि धारक किसी परिवार का सदस्य हो तब【अधिकतम 10 एकड़】।
B. जब परिवार में पांच सदस्यों से कम सदस्य हैं तब【अधिकतम 18 एकड़ तक】।
C. जब परिवार के 5 सदस्यों से अधिक व्यक्ति हो तब"(【अधिकतम 36 एकड़ तक"】।

2. एक फसल वाली सिंचाई युक्त कृषि भूमि हो तब:-
A. जब भूमि धारक किसी परिवार का सदस्य हो तब【अधिकतम 15 एकड़ तक】।
B. परिवार में पाँच सदस्य से कम होने पर【अधिकतम 27 एकड़ तक】।
C. परिवार में पाँच से अधिक सदस्य होने पर【अधिकतम 54 एकड़ तक】।

3. अगर कृषि भूमि सूखी है तब अर्थात सिंचाई युक्त नहीं तब:-
A. जब भूमि धारक किसी परिवार का सदस्य हैं तब【अधिकतम 30 एकड़】।
B. परिवार के पाँच से कम सदस्य होने पर अधिकतम 54 एकड़】।
C. परिवार में पाँच से अधिक सदस्य होने पर【अधिकतम 108 एकड़】।
कृषि भूमि रख सकता है इसके अतिरिक्त नहीं। कुल मिलाकर किसी भी स्थिति में सिंचाई युक्त जमीन 15 एकड़ और बिना सच्चाई उक्त जमीन 30 एकड़ से अधिक कोई किसान नहीं रख सकता।

महत्वपूर्ण नोट:-
• फलों के उद्यान केले और अंगूर के अतिरिक्त उपरोक्त सीमा के लिए बिना सिंचाई वाली सूखी भूमि माने जाएंगे।
•रबी या खरीफ में उगाई गई भिन्न-भिन्न फसलों को एक फसल माना जाएगा।

भूमि धारक अगर अपनी भूमि की सही जानकारी नही देगा तब क्या दण्ड का प्रावधान है:-
अगर कोई भी अधिकतम सीमा से ज्यादा रखने वाला किसान राजस्व अधिकारी या बंदोबस्त अधिकारी को भूमि की सही जानकारी नही देगा तब ऐसे व्यक्ति को अधिनियम की धारा 37(क)(1)(2) के अंतर्गत दो वर्ष की कारावास या 5000 रुपये जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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