जबलपुर। MP Public Service Commission द्वारा घोषित किए गए राज्यसेवा मुख्य परीक्षा के परीक्षा परिणाम पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा रोक लगा दी गई है। मामला पिछड़ा वर्ग आरक्षण विवाद का है। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 27% आरक्षण के आधार पर रिजल्ट घोषित किया गया था।
निहारिका त्रिपाठी की याचिका पर MPPSC RESULT स्थगित
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की रहने वाली उम्मीदवार निहारिका त्रिपाठी ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायदृष्टांतों के तहत किसी भी स्थिति में आरक्षण का कुल प्रतिशत 50 से अधिक नहीं हो सकता। इसके बावजूद एमपी पीएससी द्वारा 31 दिसंबर, 2021 को 27% ओबीसी आरक्षण का प्रावधान करते हुए मुख्य परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया। इस वजह से ओबीसी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व ईडब्ल्यूएस का आरक्षण मिलाकर कुल प्रतिशत 73 पर पहुंच गया है। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की युगलपीठ ने तर्कों से सहमत होते हुए परीक्षा परिणाम पर स्थगन आदेश जारी करते हुए साक्षात्कार पर रोक लगा दी है।
MPPSC HIGH COURT NEWS- नए सिरे से सूची जारी होगी
अधिवक्ता संघी ने बताया कि हाई कोर्ट के उक्त अंतरिम आदेश के साथ ही अब पीएससी को नए सिरे से सूची जारी करनी होगी। इसके तहत मुख्य परीक्षा के ओबीसी उम्मीदवारों को 27 के बदले 14 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित करना होगा। इससे सामान्य सहित अन्य वर्ग के जो आवेदक पिछड़ गए थे, वे स्थान पा सकेंगे। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.