इंदौर। MP Public Service Commission पर से उम्मीदवारों का भरोसा टूटने लगा है। राजनीतिक दबाव में आकर MPPSC का मैनेजमेंट नियम विरुद्ध आदेश और रिजल्ट जारी कर देता है। लगभग हर परीक्षा विवादित होकर हाई कोर्ट में चली जाती है। लोगों को नौकरियां नहीं मिल पा रही है। शायद यही कारण है कि इस साल एमपीपीएससी परीक्षा में उम्मीदवार इतने उत्साह के साथ आवेदन नहीं कर रहे।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) की राज्य सेवा परीक्षा और राज्य वन सेवा परीक्षा 2021 के लिए जमा हुए आवेदनों का आंकड़ा इस बार बीते वर्ष से कम नजर आ रहा है। बीते वर्ष राज्य सेवा व वन सेवा के लिए कुल 3 लाख 44 हजार आवेदन आए थे। राज्य सेवा 2021 के लिए आवेदनों की लिंक 9 फरवरी को बंद की गई थी। तब तक कुल आवेदनों का आंकड़ा बमुश्किल 3 लाख तक पहुंचा है।
अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए पीएससी ने अब आवेदन लिंक दोबारा खोलने की घोषणा की है। MPPSC मैनेजमेंट को लगता है कि सेकंड चांस देने से उम्मीदवारों की संख्या बढ़ जाएगी। एमपीपीएससी जैसे संस्थानों के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता कि मध्य प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित भर्ती परीक्षा में उम्मीदवारों की संख्या बढ़ने के बजाय घट गई। यह उस मध्यप्रदेश में हो रहा है जहां जिला न्यायालय में चपरासी की पोस्ट पर नियुक्ति पाने के लिए इंजीनियरिंग और एमबीए के टॉपर स्टूडेंट लाइन में लगे थे। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.