भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का केवल नाम नहीं बदला बल्कि सारा सिस्टम बदल दिया है। MPPEB, तकनीकी शिक्षा विभाग के द्वारा संचालित किया जाता था जबकि MPSSB, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा। MPPSC का नोडल डिपार्टमेंट भी GAD ही है। कुल मिलाकर MPPSC और MPSSB दोनों GAD की संताने हैं। बोलचाल की भाषा में लोग MPSSB को मिनी पीएससी कहेंगे।
मध्यप्रदेश में अब कभी व्यापम घोटाला नहीं होगा
व्यापम घोटाले ने पूरी दुनिया में मध्यप्रदेश को शर्मसार किया। यह एक ऐसा घोटाला था जिसमें जांच करने वाली एजेंसी सीबीआई के माथे पर भी दाग लगा है। जनता के बीच मान्यता है कि व्यापम घोटाले में सिंडिकेट के बड़े खिलाड़ियों को ना केवल बचाया गया बल्कि उन्हें बचाने के क्रम में कई लोगों की असमय मृत्यु हुई। दाग भी मिटा नहीं सकते थे इसलिए सरकार ने नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया था परंतु फिर भी घोटाला हो गया, और इसे व्यापम घोटाला-2 कहा गया, लेकिन अब मध्यप्रदेश में कभी व्यापम घोटाला नहीं होगा। क्योंकि व्यापम और प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड दोनों संस्थान समाप्त कर दिए गए हैं।
उम्मीदवारों को फायदा होगा या नुकसान
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड के बन जाने से उम्मीदवारों को निश्चित रूप से फायदा होगा। MPSSB और MPPSC क्या संचालन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किया जाएगा इसलिए परीक्षा का पैटर्न, सिलेबस और सभी प्रकार की गतिविधियां लगभग एक समान होंगी। जिस प्रकार राजपत्रित अधिकारियों की भर्ती के लिए राज्यसेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है उसी प्रकार तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए सभी विभागों की संयुक्त भर्ती परीक्षा का आयोजन होगा। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि MPSSB के उम्मीदवारों को MPPSC का फॉर्म भरने में डर नहीं लगेगा। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें