जबलपुर। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने 27% ओबीसी आरक्षण विवाद पर अपना पक्ष रखते हुए दलील दी है कि भारत के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो आरक्षण की सीमा निर्धारित करता है।
50% से अधिक आरक्षण निर्धारित करना संविधान के विरुद्ध नहीं: भाजपा सरकार, मध्य प्रदेश
हाईकोर्ट में मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार की ओर से दलील दी गई है कि 50% से अधिक आरक्षण निर्धारित करना संविधान के विरुद्ध नहीं है। संविधान ने आरक्षण के लिए कोई सीमाएं निर्धारित नहीं की। संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो रिजर्वेशन को 50% से ज्यादा होने से रोकता है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 28 फरवरी निर्धारित की है।
संविधान नहीं सुप्रीम कोर्ट ने सीमा निर्धारित की है
उल्लेखनीय है कि सरकारी नौकरी, शिक्षा एवं अन्य सभी प्रकार के मामलों में संविधान में आरक्षण की सीमा निर्धारित नहीं की है लेकिन सुप्रीम कोर्ट में 5 विद्वान न्यायाधीशों की पीठ ने सन 1992 में इंदिरा साहनी विरुद्ध भारत संघ मामले में आरक्षण की सीमा 50% निर्धारित कर दी है। 28 फरवरी को शिवराज सिंह चौहान सरकार को हाईकोर्ट में यह साबित करना होगा कि क्या उसके पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अपने राज्य में अस्वीकार करने का अधिकार प्राप्त है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.