नई दिल्ली। कश्मीर के दक्षिण में स्थित अनंतनाग इलाके में एक ऐसा गड्ढा (सिंकहोल) मिला है जिसकी गहराई शायद पाताल तक है। यह गड्ढा अचानक बन गया है। इलाके में दहशत है क्योंकि मात्र 10 फुट का गड्ढा वृंदा नदी का पूरा पानी पी रहा है। इस गड्ढे के बाद नदी का रास्ता पूरी तरह से सूख गया है। नदी गायब हो गई है। लोग बड़ी संख्या में पाताल तक गहराई वाले इस गड्ढे को देखने के लिए आ रहे हैं। किसी भी काल्पनिक अनिष्ट से नागरिकों को बचाने के लिए धारा 144 लगा दी गई है।
अचानक नजर आए इस गड्ढे द्वारा नदी का पूरा पानी पी जाने के कारण, गड्ढे के आगे नदी का करीब 20 किमी लंबा हिस्सा सूख गया है। नदी में मिलने वाली दुर्लभ ट्राउट मछलियां भी मर गई हैं। लोग गड्ढा देखने जमा हो रहे हैं। प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लागू करने के साथ मीडियाकर्मियों को भी दूर रहने की सलाह दी है। प्रशासन ने नदी के आसपास क्षेत्र में जमीन धंसने की आशंका जताई है। वहीं भूविज्ञानी शोध में जुट गए हैं।
4 दिन से नदी का पानी गड्ढे में गिर रहा है, गड्ढा ओवरफ्लो नहीं हुआ
वंदिवालगाम के पास चार दिन पहले नदी में गड्ढा बना है। पानी लगातार इसमें जा रहा है लेकिन अब तक गड्ढा ओवरफ्लो नहीं हुआ है। इससे नदी का निचला हिस्सा सूख गया है। इससे बड़ी संख्या में ट्राउट मछलियां भी मर गई हैं। बाढ़ नियंत्रण विभाग और जल शक्ति विभाग के अधिकारी और विशेषज्ञ गड्ढे के मुहाने का पता लगाने और नदी के पानी का रुख मोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली है।
अनंतनाग के रहस्य में गड्ढे का व्यास मात्र 10 फीट
बताया जाता है कि गड्ढे की गहराई 12 फीट और इसका व्यास करीब 10 फीट है। इसमें गिरने वाले पानी का शोर करीब 200 मीटर की दूरी पर सुना जा सकता है। ब्रिंगी नदी कश्मीर में झेलम की सहायक नदी है। यह कोकरनाग इलाके में बहती है। इसे टाउट मछलियों का घर भी कहा जाता है। इसके निचले हिस्से में ट्राउट मछलियां पाई जाती हैं।
1995 में भी ऐसा ही एक गड्ढा बना था
विशेषज्ञों ने बताया कि बिंग्री नदी में इससे पूर्व 1995 में भी मौजूदा जगह से कुछ दूरी पर इस तरह का गड्ढा बना था। उसमें समाने वाला पानी करीब 20 किलोमीटर दूर अच्छाबल में एक चश्मे के रास्ते बाहर निकला था।
नदी की धारा मोड़ने का प्रयास
भूविज्ञान और खनन विभाग के अधिकारियों ने बताया की ब्रिंगी नदी में जिस जगह यह गड्ढा बना है,वहां चूना पत्थर की चट्टाने होंगी जो अब समाप्त हो गई होंगी। सारा पानी इसमें जा रहा है। यह कितना बड़ा है,अभी पूरी तरह पता नहीं चला है। इसका दूसरा सिरा कहां है, यह भी जांच का विषय है। पानी का रुख मोड़ने के बाद इसे रेत, मिट्टी और पत्थरों से भरा जाएगा। स्वास्थ्य से संबंधित समाचार एवं जानकारियों के लिए कृपया Health Update पर क्लिक करें.