यदि आप कम पूंजी में कोई नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो वर्क फ्रॉम होम की तर्ज पर प्रोडक्शन फ्रॉम होम शुरू कीजिए। आपकी सबसे बड़ी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी कि आपका प्रोडक्ट बाजार में बिकेगा या नहीं। भारत के डेयरी प्रोडक्ट की डिमांड पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। स्थिति यह है कि भारत में बना हुआ दही और पनीर भूटान और बांग्लादेश से लेकर अमेरिका और सिंगापुर तक खरीदा जा रहा है।
भारत सरकार की ताजा आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 में भारत से डेयरी उत्पादों का निर्यात प्रमुख रूप से यूएई (39.34 मिलियन डॉलर), बांग्लादेश (24.13 मिलियन डॉलर), अमेरिका (22.8 मिलियन डॉलर), भूटान (22.52 मिलियन डॉलर), सिंगापुर (15.27 मिलियन डॉलर), सऊदी अरब (11.47 मिलियन डॉलर), मलेशिया (8.67 मिलियन डॉलर), कतर (8.49 मिलियन डॉलर), ओमान (7.46 मिलियन डॉलर) और इंडोनेशिया (1.06 मिलियन डॉलर) का किया गया। 2020-21 में भारत से डेयरी निर्यात में शीर्ष दस देशों की हिस्सेदारी 61 प्रतिशत से भी अधिक रही है।
डेयरी प्रोडक्ट का निर्यात करने वाली कंपनियां अपने ब्रांड नेम का पूरा फायदा उठा रही है। वह केवल निर्यात नहीं कर रही बल्कि भारत में भी बड़े पैमाने पर सप्लाई कर रही हैं। दक्षिण भारत में पनीर की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ सालों में पनीर के कारोबार में औसत 25% वार्षिक की वृद्धि देखी गई है। यदि आप किसी बड़ी कंपनी के लिए पनीर बनाने की सबसे छोटी यूनिट स्थापित करते हैं, तब भी आपको मोटा मुनाफा होगा। पनीर की सबसे छोटी यूनिट स्थापित करने के लिए 1000 स्क्वायर फीट की जगह की जरूरत होती है। इसमें दूध को उबालने से लेकर पनीर की पैकेजिंग तक सभी शामिल है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के लिए कई स्पेशलिस्ट इंटरनेट पर मौजूद है। एक परिवार इसमें न्यूनतम ₹2000 प्रतिदिन आसानी से कमा सकता है। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.