भोपाल। सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान 40 किलोमीटर के ट्रैफिक जाम और कलेक्टर के दबाव में कार्यक्रम के निरस्त हो जाने के कारण पूरे प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार की निंदा हो रही है। बताया गया है कि शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का काफिला जाम में फंस गया था। उनकी नाराजगी के कारण कलेक्टर प्रेशर में आ गए और महाशिवरात्रि पर होने वाला रुद्राक्ष महोत्सव निरस्त करने की घोषणा करवा दी।
एबीपी न्यूज़ के अनुसार शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का काफिला ट्रैफिक जाम में फंस गया था। दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार ट्रैफिक जाम में फंसने वाले मंत्रियों की संख्या 1 से अधिक थी और दर्जनों वीआईपी भोपाल इंदौर हाईवे पर ट्रैफिक जाम में फंसे हुए थे। सीहोर के कलेक्टर एवं एसपी को आधिकारिक सूचना दी गई थी परंतु शायद उन्होंने कार्यक्रम में तीन लाख श्रद्धालुओं के आने की सूचना को गंभीरता से नहीं लिया। इसलिए उन्होंने भोपाल इंदौर हाईवे के ट्रैफिक को डाइवर्ट करने का कोई प्लान नहीं बनाया।
सीहोर के पत्रकारों के अनुसार भोपाल इंदौर हाईवे पर ट्रैफिक जाम के बाद कलेक्टर ऑफिस में जबरदस्त दबाव देखा जा रहा था। आनन-फानन में कलेक्टर और एसपी कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना हुए। उन्होंने ट्रेफिक क्लियर करने की कोशिश की परंतु दोनों तरफ 20-20 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम क्लियर करना संभव नहीं था। इसलिए उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक पंडित प्रदीप मिश्रा पर दबाव बनाया और कार्यक्रम को निरस्त करने की घोषणा करवाई।
कांग्रेस से ज्यादा भाजपा नाराज
महाशिवरात्रि के आयोजन पर होने वाले 1100000 रुद्राक्ष महोत्सव पर प्रशासनिक कार्यवाही के कारण कांग्रेस से ज्यादा भाजपा के नेता नाराज हैं। सीहोर के हजारों नागरिक इस कार्यक्रम को अपना सौभाग्य मान रहे थे परंतु अब सभी निराश हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि जिस मध्यप्रदेश में महाकुंभ जैसा आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो जाता है वहां रुद्राक्ष महोत्सव में इतनी गड़बड़ी कैसे हो सकती थी। भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने तो इसे शिवराज सिंह सरकार को बदनाम करने की साजिश करार दिया है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.