भोपाल। नेफ्रोलॉजी सोसाइटी की डायलिसिस एनालिसिस रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। भोपाल शहर में डायलिसिस कराने वालों की संख्या बहुत बढ़ गई है। 4 सरकारी और 50 प्राइवेट डायलिसिस सेंटर्स पर हर महीने औसत 5000 डायलिसिस हो रहे हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि इसमें से 30% लोगों की उम्र 30 साल से कम है।
HEALTH CARE- पता ही नहीं चलता किडनी खराब हो रही है
डॉक्टरों के मुताबिक समय रहते किडनी के संक्रमण की पहचान कर इसका इलाज कराना बहुत जरूरी है। किडनी बीमारी के लक्षण जल्दी नहीं दिखते। जब किडनी 60% डैमेज हो चुकी होती है, तब इसका पता चलता है। यही कारण है कि इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है।
BHOPAL TODAY NEWS- हमीदिया हॉस्पिटल में किडनी की स्पेशल ओपीडी
हमीदिया अस्पताल में किडनी के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखकर स्पेशल ओपीडी शुरू की गई है। ये ओपीडी सोमवार, मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार और शनिवार को खुली रहती है। यहां रोज 10 में से 4 मरीज किडनी की गंभीर बीमारी के आते हैं।
किडनी खराब होने के कारण एवं लक्षण
बिना डॉक्टर्स की सलाह के पैन किलर का ज्यादा इस्तेमाल करना।
हाई बीपी के बाद भी नियमित जांच नहीं कराना।
ब्लड ग्लूकोस का लगातार बढ़ना।
लक्षण: भूख नहीं लगना, खून नहीं बनना, लगातार थकान, शरीर में सूजन।
भोपाल के सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा
हमीदिया में डायलिसिस के लिए 13 मशीनें हैं। 3 शिफ्टों में डायलिसिस हो रहा है। जेपी में 5 मशीनें हैं। यहां रोज 5 मरीजों की डायलिसिस हो रही है। कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल में 10 मशीनें हैं। BMHRC में 6 मशीनें हैं।
किडनी इन्फेक्शन से बचने के उपाय
भरपूर मात्रा में पानी कीजिए। यह सबसे सस्ता और असरकारी तरीका है।
आम दिनचर्या में लिक्विड डाइट बढ़ाएं।
यूरिन को रोककर ना रखें। तत्काल पास करें।
डॉक्टर की परमिशन के बिना पेन किलर ना खाएं।
बथुआ की भाजी मौसमी होती है। जब भी बाजार में आए जरूर सेवन करें।