BU BHOPAL NEWS- पेपर तक नहीं बना पा रहे विश्वविद्यालय के विद्वान, NEP लागू करके उलझ गए

Bhopal Samachar
भोपाल
। बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के विद्वान कितने योग्य और अपडेट हैं, यह केवल इस बात से प्रमाणित हो जाता है कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू हो जाने के बावजूद अभी तक पेपर सेट नहीं हो पाए हैं। स्टूडेंट्स को हर हाल में अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाले कुलपति अब तक टाइम टेबल जारी नहीं कर पाए हैं। 

NEW EDUCATION POLICY NEWS- 10 दिन पहले तक तो सब्जेक्ट सेलेक्ट करते रहे

न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत इस साल अक्टूबर 2021 तक एडमिशन तो कर लिए गए, लेकिन सब्जेक्ट सिलेक्शन का काम 10 दिन पहले तक चला। उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री ने सीना तानकर ऐलान तो कर दिया परंतु हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारी 12 फरवरी तक किसी भी यूनिवर्सिटी को सब्जेक्ट की लिस्ट तक नहीं दे पाए थे। 17 फरवरी को आनन-फानन में ओरिएंटेशन प्रोग्राम करके सब्जेक्ट लिस्ट तैयार की गई और फिर स्टूडेंट को कहा गया कि वह अपनी च्वाइस भरे। स्टूडेंट 15 मार्च तक सब्जेक्ट चुनते रहे, लेकिन मामला वोकेशनल और और सेल्फ फाइनेंस कोर्स में उलझ गया।

MP COLLEGE NEWS- न्यू एजुकेशन पॉलिसी से पेपर सेट करने में प्रॉब्लम क्या है

न्यू पॉलिसी में मेजर, माइनर, इलेक्टिव, वाेकेशनल, प्रोजेक्ट व फाउंडेशन कोर्स के पेपर सेट किए जाएंगे। इनमें से हर कैटेगरी में 5 से लेकर 15 तक कोर्स हैं। किसी में 1 तो किसी में 3 पेपर होंगे, पर जब एक जैसे सब्जेक्ट मेजर, वोकेशनल व सेल्फ फाइनेंस में हैं तो किसे आधार मानें, यह तय नहीं हो पा रहा है। यदि सेल्फ फाइनेंस कोर्स को बंद कर देते तो यह कन्फ्यूजन नहीं होता। 

  • बायोटेक्नोलॉजी को वोकेशनल कोर्स में शामिल किया गया है, लेकिन यह सेल्फ फाइनेंस में भी है। वहीं इससे मिलता जुलता काेर्स मेजर में भी है।
  • बीएससी कंप्यूटर एप्लीकेशन वोकेशनल और सेल्फ फाइनेंस के साथ मेजर में भी शामिल है।
  • सीड टेक्नालॉजी सब्जेक्ट भी वोकेशनल के साथ सेल्फ फाइनेंस और माइनर में शामिल है।
  • बीएससी कंप्यूटर साइंस से मिलता-जुलता कोर्स सेल्फ फाइनेंस में डिमांड में था, अब वोकेशनल में भी है। 

मध्यप्रदेश में न्यू एजुकेशन पॉलिसी की सबसे बड़ी प्रॉब्लम 

मध्यप्रदेश में जिन लोगों के हाथ में हायर एजुकेशन का ताना-बाना है। निश्चित रूप से एक जमाने में वह बहुत योग्य रहे हैं परंतु उनमें से ज्यादातर में अपडेट रहने की आदत नहीं है। उन्होंने जो पढ़ा और समझा है, उनके हिसाब से दुनिया उतनी ही है। कुछ लोग तो ऐसे हैं जिनके कंप्यूटर में विंडो क्रश हो जाए तो, उनका बीपी बढ़ जाता है। जबकि उनके पास पीएचडी की डिग्री है और नाम के आगे डॉक्टर लिखा होता है। पीएचडी का मतलब ही होता है रिसर्च, कुछ नया पता करना। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.

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