CM Sir, यदि चुनाव परिणाम में नार्मलाइजेशन हो जाए तो कैसा लगेगा- Khula Khat

आदरणीय मुख्यमंत्री जी
, मप्र सरकार भर्ती परीक्षाओं का आयोजन पीईबी के माध्‍यम से कर रही है जिसमें ये युवाओं से फीस के नाम पर मोटी कमाई कर रही है। पिछले दो वर्षों से कोई बड़ी भर्ती हुई नहीं है। पहले कृषि विभाग की भर्ती मे गड़बड़ी सामने आयी थी, अब शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर आउट हुआ है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं दूसरी ओर पुलिस भर्ती मे जिन कैंडीडेट्स के नंबर अच्‍छे आये थे वे डिस्‍क्‍वालीफाई हो गए हैं। पटवारी, पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती का पता नहीं है। 

ऑनलाइन परीक्षाएं विश्वसनीय नहीं रह गई हैं। ये भर्ती परीक्षायें जिनमें नार्मलाइजेशन के नाम पर अंक घट बढ़ जाते हैं, हर शिफ्ट का पेपर अलग अलग आने से परीक्षार्थी अच्‍छी मेहनत के बाद भी असफल हो जाते हैं। पेपर आउट आफ सिलेबस आ रहें है। जिससे मप्र का शिक्षित युवा वर्षों कड़े परिश्रम के बाद भी रोजगार से दूर रह जाता है। इसलिए जरूरी हो गया है कि पुन: पूर्व की भांति ऑफलाइन पेपर कराये जाए, जिनमे सभी को एक सा पेपर एक ही समय पर दिया जाए ताकि किसी के साथ भेदभाव न हो, जैसा उप्र मे होता है। 

बार-बार पीईबी की गड़बड़ियां सामने आ रही है। इसलिए किसी निष्‍पक्ष संगठन से भर्ती परीक्षाओं का संचालन कराया जाए। इन गड़बड़ियों की जाँच किसी निष्‍पक्ष संगठन से करायी जाए व दोषियों को कड़ा दंड दिया, जाए ताकि भविष्‍य मे ऐसी पुनरावृत्ति न हो। इससे छात्रों का भविष्‍य बर्बाद हो रहा है। ✒ सादर धन्‍यवाद, आशीष कुमार, उदयपुरा, रायसेन 

अस्वीकरण: खुला-खत एक ओपन प्लेटफार्म है। यहां मध्य प्रदेश के सभी जागरूक नागरिक सरकारी नीतियों की समीक्षा करते हैं। सुझाव देते हैं एवं समस्याओं की जानकारी देते हैं। पत्र लेखक के विचार उसके निजी होते हैं। इससे पूर्व प्रकाशित हुए खुले खत पढ़ने के लिए कृपया Khula Khat पर क्लिक करें. यदि आपके पास भी है कुछ ऐसा जो मध्य प्रदेश के हित में हो, तो कृपया लिख भेजिए हमारा ई-पता है:- editorbhopalsamachar@gmail.com

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