इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों द्वारा राज्यपाल एवं कुलाधिपति का विरोध किया गया। स्टूडेंट्स में बढ़ते असंतोष को देखते हुए राज्यपाल को अपना कार्यक्रम बदलना पड़ा। इसके साथ ही मामला शांत हो गया और फिर दीक्षांत समारोह विधि पूर्वक संपन्न हुआ।
दीक्षांत समारोह किसी भी विश्वविद्यालय और उसके विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण होता है। समारोह में रिसर्च करने वाले और टॉप करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाता है। मंच पर बुलाया जाता है। दीक्षांत समारोह का फॉर्मेट यही होता है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का कार्यक्रम पहले से निर्धारित था। राजभवन से अचानक कार्यक्रम को बदलने की सूचना भेजी गई। बताया गया कि राज्यपाल भाई पटेल केवल 50 शोधार्थियों और 50 टॉप करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित करेंगे। इस सूचना के साथ ही समारोह में असंतोष फैल गया।
इसे लेकर बाकी शोधार्थी-विद्यार्थियों ने आपत्ति उठाई और बीच समारोह में अपने स्थान पर खड़े होकर विरोध जताया। छात्र-छात्राओं की बढ़ती नाराजगी देख कुलाधिपति को अपना कार्यक्रम बदलना पड़ा। बाद में सबको मंच पर आने के लिए कहा गया। हंगामा करने के बाद 148 शोधार्थियों को उपाधि और 117 टापर विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए गए। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.