जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सागर जिले की डॉक्टर सारिका पांडे की याचिका पर आदिम जाति कल्याण विभाग के कमिश्नर को फटकार लगाते हुए ₹5000 का जुर्माना ठोक दिया। कार्रवाई से घबराए कमिश्नर द्वारा जवाब प्रस्तुत किया गया परंतु न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने जब आपको रिकॉर्ड पर नहीं लिया।
याचिकाकर्ता सागर निवासी डा. सारिका पांडे की ओर से अधिवक्ता उदयन तिवारी, थमन खड़का व नीरज तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि यह याचिका 2007 में दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने छुट्टी का आवेदन दिया, लेकिन इसे मान्य नहीं किया गया। बिना छुट्टी लिए डयूटी पर अनुपस्थित रहने के लिए उन पर विभाग ने कार्रवाई करते हुए उक्त अवधि का वेतन नहीं दिया। इसी कार्रवाई को याचिका में चुनौती दी गई। तर्क दिया गया कि बीते 15 सालों से सरकार की ओर से जवाब नहीं दिया जा रहा है।
इस पर कोर्ट ने सरकार पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया लेकिन जुर्माने की राशि जमा किए बगैर सरकार की ओर से जवाब पेश कर दिया गया। इस पर कोर्ट ने कहा कि पहले जुर्माना राशि जमा की जाए, तभी सरकार के जवाब को रिकार्ड पर लिया जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई आठ मार्च निर्धारित की गई है। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.