जबलपुर। मध्य प्रदेश की सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में अनारक्षित वर्ग के निर्धन उम्मीदवारों के लिए निर्धारित 10 प्रतिशत EWS आरक्षण में SC, ST, OBC का हिस्सा मांगा गया है। हाईकोर्ट में एडवोकेट्स यूनियन फॉर डैमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस की ओर से याचिका प्रस्तुत की गई है। उच्च न्यायालय ने याचिका को सुनवाई के योग्य मानते हुए 2 सप्ताह के भीतर सरकार से जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
EWS आरक्षण सभी वर्गों के गरीबों के लिए है, मध्य प्रदेश के नियम गलत
याचिका में कहा गया है कि संवैधानिक संशोधन के जरिए, आर्थिक रुप से कमजोर तबके को दिए गए ईडब्ल्यूएस आरक्षण (EWS Reservation) को लागू करने में भेदभाव हो रहा है। केंद्र सरकार ने सभी वर्गों के गरीबों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने इसके लिए जो नियम बनाए हैं उसमें एससी, एसटी और ओबीसी को ईडब्ल्यूएस आरक्षण (EWS Reservation) से वंचित कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश सरकार के EWS आरक्षण नियम समानता के अधिकार के खिलाफ
याचिका में प्रदेश सरकार के नियम को समानता के अधिकार के खिलाफ बताकर असंवैधानिक करार देने की मांग की गई है। साथ ही कहा गया है कि गरीब तबका सभी वर्गों में होता है और सभी वर्गों के गरीबों को ईडब्ल्यूएस आरक्षण (EWS Reservation) का लाभ मिलना चाहिए।
EWS आरक्षण विवाद- हाई कोर्ट में अगली सुनवाई अप्रैल में
वकील रामेश्वर पी सिंह ने बताया कि उन्होंने ईडब्ल्यूएस आरक्षण (EWS Reservation) को लेकर एडवोकेट्स यूनियन फॉर डैमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस की ओर से याचिका लगाई है, जिसमें सभी वर्गों के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण (EWS Reservation) की मांग की गई है। फिलहाल हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई अप्रैल माह में की जाएगी। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.