यदि आपने पेड़ पर लगे हुए कच्चे केले देखें तो आप को ध्यान में आएगा कि कच्चा केला हमेशा सीधा होता है लेकिन पका हुआ केला टेढ़ा हो जाता है। सवाल यह है कि जब कच्चा केला सीधा होता है तो पक्का केला टेढ़ा क्यों हो जाता है। क्या केले को पकाने की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी की जाती है। या फिर इसके पीछे भी कोई साइंस है। आइए पता लगाते हैं:-
General knowledge for students
वनस्पति विज्ञान में एक शब्द है Negative Geotropism or Geogravitism (ऋणात्मक गुरूत्वानुवर्तन), इसका अर्थ होता है सूर्य की तरफ बढ़ने वाले पेड़। यानी ऐसे पेड़ पौधे जो सीधे आसमान की तरफ नहीं बढ़ते बल्कि जिस दिशा में सूरज होता है उस दिशा में मुड़ जाते हैं। केला भी एक ऐसा ही पेड़ है। केले का फल जब कच्चा होता है तो मजबूत होता है। पकने लगता है तो उसकी कठोरता कम होने लगती है और वह सूरज की तरफ मुड़ने लगता है। बस यही कारण है कि पके हुए केले मुड़े हुए होते हैं।
General knowledge for teachers
केले को यदि फ्रिज में रखेंगे तो वह जल्दी खराब हो जाएगा।
केले का छिलका जूते पर रगड़ने से उसमें शाइनिंग आती है।
केले का वैज्ञानिक नाम Musa paradisiaca है, इसका अर्थ होता है बुद्धिमान व्यक्ति का फल।
केले को खाने का सही समय सुबह नाश्ते का वक्त होता है। दुनिया भर में 51% केले सुबह नाश्ते में खाए जाते हैं।
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केले का सबसे ज्यादा उत्पादन भारत में होता है लेकिन अफ्रीका के लोग सबसे ज्यादा केला खाते हैं।
केले का फल पानी में नहीं डूबता क्योंकि केले में 75% पानी होता है।
केले की उत्पत्ति 4000 साल पहले मलेशिया में हुई थी लेकिन यह भारत में धार्मिक प्रक्रियाओं में अनिवार्य फल है।
केले में कभी कीड़ा नहीं लगता क्योंकि केले में साइनाइट होता है।
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