विद्या के पेड़ के बारे में कौन नहीं जानता। करोड़ों लोगों ने स्कूल कॉलेज के दिनों में इसकी पत्तियों को अपनी किताब में दबा कर रखा है। मान्यता है कि ऐसा करने से वह पाठ आसानी से याद हो जाता है। पढ़ाई सरल हो जाती है और परीक्षा में अच्छे नंबर मिलते हैं। आइए जानते हैं कि विद्या के पेड़ का असली नाम क्या है। अक्सर यह मंदिरों और बगीचों में मिलता है। क्या इस पेड़ को अपने घर में भी लगा सकते हैं।
विद्या के पेड़ का वैज्ञानिक नाम Platycladus Orientalis है। अंग्रेजी भाषा में इसे Thuja या Oriental Thuja पुकारा जाता है। भारत के मंदिरों और बगीचों में इसे मोरपंखी का पेड़ कहते हैं। दुनिया भर में इस पेड़ की कुल 5 प्रजातियां पाई जाती है। दो उत्तरी अमेरिका में और तीन एशिया के पूर्वी क्षेत्रों में। आपको जानकर अच्छा लगेगा कि देवदार के पेड़, जिस की छांव में प्यार पनपता है, इसी प्रजाति का पेड़ है।
बहुत कम लोग जानते हैं कि विद्या का पेड़ घर के दरवाजे पर भी लगाया जा सकता है। यह अत्यंत लाभदायक है। मान्यता है कि इसके कारण नकारात्मक ऊर्जा घर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकती। यह कई प्रकार के वायरस को दरवाजे से घर के अंदर प्रवेश करने से रोकता है लेकिन यह अकेला नहीं होता। मोरपंखी का पेड़ नर और मादा होता है। मंदिर हो या बगीचा या फिर घर का दरवाजा, नर और मादा दोनों को एक साथ लगाना होता है। अकेला पौधा कभी नहीं पनपता। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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