ग्वालियर। पुलिस ने लंबी तहकीकात के बाद फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी करने के आरोप में एक शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी की नियुक्ति संविदा शिक्षक वर्ग 3 के पद पर सन 2013 में हुई थी। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी हुआ था। पिछले 9 साल से वह नौकरी कर रहा है। एक आरटीआई एक्टिविस्ट में इस मामले का खुलासा किया था। पुलिस इन्वेस्टिगेशन के दौरान सन 2017 में स्पष्ट हो गया था कि मार्कशीट फर्जी है लेकिन मामला सन 2022 में दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर चंबल संभाग में फर्जी मार्कशीट के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं।
ग्वालियर निवासी राधेश्याम शर्मा पुत्र नंदकिशोर संविधा शाला शिक्षक वर्ग-3 के तहत शासकीय प्राथमिक विद्यालय राहुली डबरा में जुलाई 2013 से बतौर शिक्षक नियुक्त हैं। वह जनपद पंचायत डबरा के CEO के आदेश से सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। राधेश्याम ने नियुक्ति के समय डीएड की अंकसूची लगायी थी। जिसका रोल नम्बर 9099414 और पास करने का वर्ष 2010 था। इस अंकसूची को रोशनलाल देपुरिया कॉलेज सुरपुरा भिण्ड के प्राचार्य की सील एवं हस्ताक्षर से जारी किया जाना बताया गया था। जब इस मामले में RTI एक्टिविस्ट संकेत साहू ने उठाया तो मामला पुलिस तक पहुंचा। इस पर पुलिस ने जांच शुरू की।
जुलाई 2017 में जब पुलिस भिंड के इस कॉलेज में पहुंची तो डीएड की अंकसूची देखकर कॉलेज प्रबंधन ने जवाब दिया कि न तो इस छात्र ने इस कलेज में प्रवेश लिया है और न ही डीएड की परीक्षा उत्तीर्ण की गयी है। इस कॉलेज द्वारा कोई भी अंकसूची इन्हें नहीं दी गई है। साथ ही न ही किसी भी डीएड की अंकसूची को कॉलेज द्वारा सील व हस्ताक्षरित किया गया है। यह मार्कशीट पूरी तरह फर्जी है। इसके बाद पुलिस ने इनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.