ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पिछले कुछ समय में गन्ने का क्षेत्रफल तेजी से घटा और 2 हजार हेक्टेयर तक रह गया, जिसका कारण है डबरा में शुगर मिल बंद होना अब एक बार फिर रकबा बढ़ रहा है, इस साल यह 200 हेक्टेयर की बढ़त का अनुमान है। धान का रकबा 39 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 96 हजार हेक्टेयर गया है। अब और भी बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि अब किसान काली मूंछ के अलावा बासमती चावल की पैदावार में रुचि दिखा रहे हैं।
गेहूं की पैदावार हर दशक में बढ़ती गई। 2000 में एक हेक्टेयर भूमि में गेहूं की पैदावार 2 क्विंटल थी, तो 2010 में 30 क्विंटल हुई। इस समय किसान कुछ स्थानों पर 45 से 50 क्विंटल की पैदावार ले रहे हैं। इसी तरह से धान की पैदावार भी बढ़ी है। किसान परंपरागत खेती के साथ अब फूल, फल,सब्जी की खेती कर रहे हैं। छोटे किसान उद्यानिकी फसलों में बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। इसलिए उद्यानिकी का रकबा भी तेजी से बढ़ रहा है।
उद्यानिकी के क्षेत्र में किसान तेजी से उत्पादन बढ़ा रहे हैं। जिसका लाभ भी किसानो को मिल रहा है। उद्यानिकी का रकबा साल दर साल बढ़ रहा है। परंपरागत खेती के स्थान पर अब किसान फल, सब्जी की फसल करने में अधिक रुचि दिखाने लगे हैं। सबसे अधिक इस वक्त जिले में ड्रैगन फ्रूट के उत्पादन में किसान रुचि दिखा रहे हैं। असल में ड्रैगन फ्रूट का उपयोग सलाद, मुरब्बा, जेली और शेक बनाने में किया जा सकता है। इसके तने गूदेदार और रसीले होते हैं। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.