ऑक्सालिस कॉर्निकुलाटा (Oxalis corniculata) नाम का एक पौधा भारत के ज्यादातर शहरों में बड़ी आसानी से मिल जाता है। यह पौधा कई सारे सार्वजनिक पार्क में दिखाई देता है। पॉसिबल है कि बचपन में आपने इसके पत्ते खाए हों। थोड़े खट्टे होते हैं इसलिए बच्चों को अच्छे लगते हैं। सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंस (CCRAS) के अनुसार, चांगेरी की पत्तियों में पोटैशियम, कैल्शियम और कैरोटीन भी पाया जाता है।
इंडियन सोरेल पौधे की विशेषताएं
ऑक्सालिस कॉर्निकुलाटा (Oxalis corniculata) को इंडियन सोरेल भी कहते हैं। यह काफी फेमस पौधा है लोकल लैंग्वेज में कुछ लोग इसे चांगेरी (Changeri) के नाम से पुकारते हैं। CCRAS के अनुसार यह पौधा एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीकॉन्वेलसेंट, एंटीफंगल, एंटी-अल्सर, एंटीनोसाइसेप्टिव, एंटीकैंसर, एंटीडायबिटिक, हेपेटोप्रोटेक्टिव, हाइपोलिपिडेमिक, एंटीमाइक्रोबियल और इसमें घाव भरने का चमत्कारी गुण भी होता है।
इंडियन सोरेल कितनी बीमारियों को ठीक कर सकता है
- माइग्रेन अथवा लगातार होने वाले सिर दर्द में इसके कुछ पत्तों को चबाकर गर्म पानी पिए। 15 दिन नियमित उपयोग से पुराने सिरदर्द में भी आराम मिल जाता है।
- मुंह की दुर्गंध, मसूड़ों की परेशानी या फिर कमजोर दांत की स्थिति में 7-8 पत्तों को धोकर अच्छी तरह चबा लें। ये पत्ते माउथ फ्रेशनर का काम करते हैं।
- यदि पेट खराब रहता है तो इस पौधे का रस निकालकर उसमें काली मिर्च मिलाएं। मिश्रण के चार गुना मात्रा में दही मिक्स करें और पका कर रख लें। एक चम्मच प्रतिदिन उपयोग करने से कुछ दिनों में पेट की पुरानी बीमारियों में भी आराम मिल जाता है।
- बवासीर के मरीज या फिर कब्ज से पीड़ित व्यक्ति के लिए। इसके पत्तों को भूनकर पकवान तैयार करें। दही के साथ खिलाएं। यह फाइबर का बहुत अच्छा सोर्स है।
- शुगर यानी डायबिटीज के मरीज सुबह के समय इसके पत्ते चबाएं या जूस पिएं। ब्लड ग्लूकोस कंट्रोल हो जाता है।
- पीलिया के मरीज भी इसके पत्ते चबाएं या फिर जूस पिएं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। स्वास्थ्य से संबंधित समाचार एवं जानकारियों के लिए कृपया Health Update पर क्लिक करें