इंदौर। पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आम नागरिकों को अलर्ट किया है कि वह मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से मिलने वाले छोटे-मोटे लोन के लालच में ना पड़े। यह लोन उन्हें महंगा पड़ सकता है। पाया गया है कि ऐसे लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है।
क्राइम ब्रांच ने बताया कि इन दिनों ऐसी कई मोबाइल एप्लीकेशन संचालित हो रही है, जो आरबीआई से मान्यता प्राप्त किसी बैंक या फाइनेंसियल ऑर्गेनाइजेशन से संबंधित नहीं है। यह मोबाइल एप्लीकेशन छोटे-मोटे लोन (₹5000 से लेकर ₹50000 तक) देने का काम करती हैं। यूज़र से कोई डाक्यूमेंट्स नहीं मांगी जाती। कुछ मोबाइल एप्लीकेशन द्वारा ब्याज भी नहीं मांगा जाता। सिर्फ निर्धारित दिनों में पैसा वापस करना होता है। दरअसल, इस प्रकार का लोन देकर साइबर अपराधी, अपना शिकार तलाश रहे हैं।
जब आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं और आपका प्रोसीजर शुरू होता है। उस समय मोबाइल एप्लीकेशन चलाने वाले अपराधी आपके मोबाइल फोन में मौजूद फोटो, वीडियो और फोन बुक कॉपी कर रहे होते हैं। यदि आपके मोबाइल फोन में कोई ऐसा फोटो या वीडियो है, तो आपको ज्यादा लोन दे दिया जाता है। यदि आपके फोन में कोई भी आपत्तिजनक फोटो-वीडियो नहीं है, फोन बुक में बड़े लोगों के नाम भी नहीं है तो आपका लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाता है।
मोबाइल ऐप वाले आपके मोबाइल फोन से कॉपी किया गया डाटा, फोटो और वीडियो अपनी गैंग की दूसरी यूनिट को ट्रांसफर करते हैं, और वह लोग आपसे व्हाट्सएप, फेसबुक या किसी दूसरे माध्यम से संपर्क करके आप को ब्लैकमेल करते हैं। आपको पता भी नहीं चलता कि आपके मोबाइल फोन में ₹5000 का लोन देने वाली कंपनी ने सेंधमारी कर ली है। एक तरफ आप को ब्लैकमेल को पैसा देना पड़ता है और दूसरी तरफ इस चुनाव में आप अपना लोन नहीं चुका पाते। नतीजा ब्याज की चक्की शुरू हो जाती है। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.