इंदौर। शहर में आत्मनिर्भर महिला अभियान फेल हो गया है। आश्चर्यजनक बात यह है कि कलेक्टर ऑफिस ने इस अभियान को सफल बताया है। 1 साल के रिपोर्ट कार्ड के अनुसार इस अभियान के तहत 160 महिलाओं को ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी गई जिनमें से मात्र 11 महिलाएं आत्मनिर्भर हुई और मात्र 7 महिलाओं को नौकरी मिली। यानी 160 में से मात्र 18 महिलाएं पैसा कमा रही हैं। मार्कशीट पर प्राप्तांक 11.25% है। जिसे सफलता बता कर प्रशासन इतरा रहा है।
इंदौर कलेक्टर के निर्देश पर काम करने वाले जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रेस को भेजी गई सूचना के अनुसार महिला ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्था इंदौर के प्रभारी श्री अनिल शर्मा ने दावा किया है कि महिलाओं को बड़ी संख्या में रोजगार देने में मदद मिल रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 1 साल से महिलाओं को लाइट मोटर व्हीकल (CAR-AUTO आदि) ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। अब तक कुल 160 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रशिक्षण के चार सत्र हो चुके है। पहले सत्र में 50, दूसरे में 44, तीसरे में 36 तथा चौथे सत्र में 30 महिलाओं को लाइट मोटर व्हीकल चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। इनमे से चयनित 11 महिलाओं को वित्तीय मदद देकर ऑटो रिक्शा उपलब्ध कराये गये। वहीं दूसरी ओर 7 महिलाओं को विभिन्न कंपनियों में वाहन संचालन की नौकरी भी प्राप्त हुई।
इस प्रतिवेदन के आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो प्रमाणित होता है कि हर आने वाले सत्र में महिला उम्मीदवारों की संख्या कम हो रही है। महिलाओं ने ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल को रिजेक्ट कर दिया है। जिन 160 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया वह भी पूरी तरह से सफल नहीं हुआ है। मात्र 11 महिलाएं अपना ऑटो रिक्शा चला रही हैं और 7 महिलाओं को नौकरी मिल पाई है। अब कलेक्टर मनीष सिंह को डिसाइड करना चाहिए कि इस तरह के शर्मनाक आंकड़े प्रस्तुत करने के बाद अपनी पीठ थपथपा ने वाले अधिकारियों के साथ क्या व्यवहार किया जाए। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.