चोरी का मोबाइल खरीदने वाले को कितनी सजा मिलती है, किस धारा के तहत FIR दर्ज होता है-IT Act, 2000

Bhopal Samachar
मोबाइल फोन, टेबलेट, लैपटॉप या कंप्यूटर को कुछ लोग एक गेमिंग डिवाइस की तरह लेते हैं। यानी कि एक इलेक्ट्रॉनिक खिलौना। उसे खरीदते समय पक्के बिल की मांग नहीं करते। कई बार सेकंड हैंड यानी कि यूज्ड मोबाइल फोन खरीदा जाता है। बेचने वाला बड़ी ही मासूमियत के साथ कोई बहाना बनाकर उसका ओरिजिनल बिल नहीं देता। यदि इस तरह का मोबाइल फोन या फिर कंप्यूटर चोरी का हुआ, तो खरीदने वाले व्यक्ति के खिलाफ किस कानून की किस धारा के तहत कार्रवाई होगी। यहां जानिए।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 (ख) की परिभाषा:-

कोई भी व्यक्ति चुराए गए किसी भी प्रकार के कम्प्यूटर साधन या संचार का कोई भी यंत्र को यह जानते हुए की वह चोरी का है, बेईमानी से प्राप्त करेगा या उसको अपने पास रखेगा ऐसा व्यक्ति उपर्युक्त धारा के अंतर्गत दोषी होगा। (यदि खरीदने या प्राप्त करने वाला व्यक्ति बेचने वाले व्यक्ति से कंप्यूटर उपकरण के स्वामित्व के संबंध में पुष्टि करेगा। यदि वह ऐसा नहीं करता तो संदेह के दायरे में आता है।)

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 (ख) के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-

यह अपराध समझोता योग्य है उसी न्यायालय द्वारा जहाँ अपराध का विचारण है एवं यह संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध हैं। अधिनियम की धारा 78 के अनुसार अपराध का इन्वेस्टिगेशन करने की शक्ति निरीक्षक (इंस्पेक्टर) की नीचे की पक्ति का पुलिस अधिकारी नहीं करेगा। सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या एक लाख रुपए का जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।

कैसे पता करें मोबाइल चोरी का है या नहीं 

इसका बहुत सीधा और सरल रास्ता है। यदि आप मोबाइल फोन या किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जिसमें किसी भी प्रकार का डाटा (जानकारी जैसे- फोन नंबर, फोटोग्राफ्स, वीडियो, या किसी भी प्रकार के दस्तावेज) भरा हुआ है, खरीद रहे हैं तो सबसे पहले सुनिश्चित करें कि आप बेचने वाले व्यक्ति को व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं या नहीं। यदि नहीं जानते, तो उससे मोबाइल फोन या किसी भी कंप्यूटर उपकरण का ओरिजिनल बिल मांगे। यदि वह किसी भी प्रकार का बहाना बनाता है, तो इस बात की संभावना बहुत बढ़ जाती है कि आप एक चोरी का उपकरण खरीदने वाले हैं। बिना ओरिजिनल बिल, जिसमें प्रोडक्ट की कीमत के अलावा GST अमाउंट, दुकानदार का GST नंबर और खरीदने वाले व्यक्ति का नाम (जो उसके आधार कार्ड एवं ड्राइविंग लाइसेंस में भी हो) स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिए। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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